एक ऐसी गोंड रानी की कहानी जिनके सामने मुगलों ने भी मानी हार, शौर्य और सूझबूझ के दम पर बचाया अपना राज्य

इतिहास में कई अनदेखे और अनसुलझे रहस्य हैं, जो इंसानों की जिंदगी में गहरी छाप छोड़ने की क्षमता रखते हैं। ऐसी ही एक प्रभावशाली ऐतिहासिक कहानी है जिसका असर आज भी देखा जा सकता है। ये कहानी है एक अनोखी रानी की, जिन्होंने स्त्री गरीमा और राज्य की रक्षा के लिए अपने प्राण की आहुति दे दी। 18वीं शताब्दी की यह कहानी काफी दिलचस्प है यह गाथा है गिन्नौरगढ़ की आखिरी गोंड रानी 'रानी कमलापति' की।

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शेरिंग अंग्मो शुनु: कारगिल योद्धा, जिनके साहस से युद्ध के दौरान भी चालू रहा ALL INDIA RADIO

कारगिल युद्ध के बारे में तो सभी लोग जानते हैं, पर शेरिंग अंग्मो शुनु के बारे में शायद ही कोई जानता होगा। कारगिल के जवानों जितनी ही बहादुर हैं शेरिंग अंग्मो शुनु, जिन्होंने करगिल युद्ध के दौरान भारी गोलीबारी के बीच रेडियो के प्रसारण को जारी रखा था। इस युद्ध में सेना के साथ ऑल इंडिया रेडियो ने बहुत महत्त्वपूर्ण किरदार निभाया था।

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‘पृथ्वीराज रासो’ के महाकवि, चंदबरदाई की कहानी

'चार बांस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण, ता ऊपर सुल्तान है, मत चूको चौहान', इस प्रमुख काव्य की रचना कवि चंदबरदाई ने की हैं।

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हबीब तनवीर, आदिवासी कलाकारों के साथ अपने काम के लिए प्रसिध्द प्रतिष्ठित नाटककार और निर्देशक

प्रसिद्ध रंगर्कमी जिनका जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ, लेकिन उन्होने भारत का नाम विदेशों में भी रौशन किया। वह इकलौते भारतीय थे जो रॉयल एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट लंदन केलिए चयनित हुए ।

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मालवा साम्राज्य की महारानी, अहिल्या बाई होलकर

भारत के मालवा प्रांत ने कई वीर योद्धाओं को जन्म दिया है। इन वीर योद्धाओं में शामिल थीं हमारी कुछ वीरांगनाएं...कुछ ऐसी साहसी महिलाएं जिन्होंने अपनी भागीदारी से इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों से लिख दिया।

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