प्रो. संजय द्विवेदी
भारत जैसे महादेश को संबोधित करना आसान नहीं है। इस विविधता भरे देश में वाक् चातुर्य से भरे विद्वानों, राजनेताओं, प्रवचनकारों और अदीबों की कमी नहीं है।
भारत जैसे महादेश को संबोधित करना आसान नहीं है। इस विविधता भरे देश में वाक् चातुर्य से भरे विद्वानों, राजनेताओं, प्रवचनकारों और अदीबों की कमी नहीं है।
इतिहासकार सुधीर चंद्र की किताब ‘गांधी एक असंभव संभावना’ को पढ़ते हुए…
We have to consider the mind-brain duality, which is an…
Most, if not all, of our brains, are wired this…
मानव जीवन अमूल्य है और मानव देह दुर्लभ। इस कारण…