

अक्सर करियर के शुरूआती दौर में हम इस बात पर जरूर विचार करते हैं कि कौन सा ऐसा फील्ड है जहां हमेशा जॉब सेक्योरिटी तो मिलेगी ही। फिर भले ही समय ग्लोबल इकोनामिक स्लोडाउन का क्यों न हो। वहीं हाल के दिनों में कई बड़ी कंपनियों जैसे- फेसबुक, अमेज़न, विप्रो, टि्वटर, सिस्को ने स्टाफ की संख्या को कम किया है, यानी कि उन्हें नौकरी से निकाला गया है। ये तो हैं आईटी के क्षेत्र जहां नौकरी की डिमांड काफी है। पर इकोनामिक स्लोडाउन के दौर में यहां भी नौकरियों की संख्या घटने लगी है। ऐसे में आप करियर चुनाव करते समय ये जरूर सोचेंगे कि कौन सा ऐसा क्षेत्र हैं जहां कभी भी नौकरियों की कमी नहीं होगी। दरअसल दुनिया में तेजी से बढ़ते डिजिटल पेमेंट की वजह से साइबरसिक्योरिटी एक बहुत महत्वपूर्ण बात हो गई है। वहीं साइबरसिक्योरिटी प्रोफेशनल्स की मांग आने वाले दिनों में और भी बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2023 में साइबर सिक्योरिटी पर खर्च $160 अरब हो सकती है। जो साल 2026 तक 280 अरब डॉलर को भी पार कर देगी। पिछले कुछ समय में कई देश की सरकारों को साइबर अटैक का भी सामना करना पड़ा है। जिसकी वजह से वे साइबर सिक्योरिटी को अपने नेटवर्क और आईटी माहौल की सुरक्षा के लिए एक मजबूत डिफेंस सिस्टम मान रही है।
साइबर सिक्योरिटी पेशेवर की मांग इसलिए भी बढ़ी है क्योंकि ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन्स के द्वारा अपने बिजनेस को बचाने की कवायद भी तेजी से की जा रही है। पिछले कुछ समय में बड़ी कंपनियों पर साइबर अटैक के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। साइबर सिक्योरिटी वेंडर और सर्विस प्रोवाइडर उन्हें अपना कारोबार बचाने के लिए सबसे बड़े विकल्प मान रहे हैं। ऐसे में आने वाले दौर में इस क्षेत्र में नौकरियां तो बढ़ेंगी, साथ ही स्लोडाउन वाले समय में भी इनकी मांग कम नहीं होगी।