इन दिनों दुनिया भर में कई लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है। भारत की सिलिकॉन वैली कहे जाने वाले बेंगलुरू के कुछ युवाओं ने लोगों को नौकरी मुहैया कराने का बीड़ा उठाया है। इसके तहत उन्होंने एक हायरिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जिसमें आर्टफीशियल इंटेलिजेंस ( Artificial intelligence) के इस्तेमाल से कैंडिडेंट्स का असेसमेंट किया जाता है। इससे उनकी हायरिंग प्रोसेस आसान हो जाती है। सबसे अच्छी बात ये है कि यह स्टार्टअप दिव्यांगों के लिए भी नौकरी की व्यवस्था करता है |
e2eHiring प्लेटफॉर्म नौकरी ढूंढने वालों और कंपनियों के बीच एक ब्रिज बनाने का काम करता है। इसकी शुरुआत बेंगलुरू के तीन युवाओं ने की है। इस कंपनी के फाउंडर हैं Monuranjan Borgohain। उनके साथ दो को-फाउंडर्स भी हैं, जिनमें से एक हैं हरीश अलवर और दूसरी हैं सुमा एसबी।
दिव्यांगों के लिए नौकरी का ख्याल कैसे आया?
ओलिंपिक में दिव्यांग देश का नाम रोशन कर रहे हैं, वहीं जब ये लोग कंपनियों में नौकरी के लिए जाते हैं तो बहुत सी कंपनियां इन्हें नौकरी के लिए नहीं चुनती हैं ऐसे में कंपनी के फाउंडर्स ने सोचा कि क्यों ना ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया जाये जो लोगों को नौकरी दिलाने में मदद करे। अपने प्लेटफॉर्म के जरिए वह दिव्यांगों और महिलाओं को नौकरी दिलाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
फंडिंग और फ्यूचर प्लान
कंपनी के फाउंडर का कहना है कि अभी उनकी कंपनी बूटस्ट्रैप्ड है और लंबे वक्त तक ऐसे ही रहने का प्लान है। अभी वह किसी फंडिंग की तलाश में नहीं हैं, लेकिन कहते हैं कि अगर कोई इसलिए कंपनी में निवेश करता है कि लोगों की मदद करनी है तो वह फंडिंग जरूर लेंगे। भविष्य की बात करते हुए वह बताते हैं कि आने वाले वक्त में कंपनी को स्केल किया जाएगा और विदेशों तक पहुंच बनाई जाएगी। ऐसे केस में फंडिंग की भी जरूरत पड़ेगी। इस कंपनी का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को मदद पहुंचाना और नौकरी देना है।