

नेशनल हाईवे, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के बाद अब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) डिजिटल हाईवे बनाने जा रही है। इसके लिए 10,000 किलोमीटर तक ऑप्टिक फाइबर केबल (OFC) के बुनियादी ढांचे को डेवलप किया जा रहा है। दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेसवे और हैदराबाद- बेंगलुरू गलियारे के करीब 1800 किलोमीटर को डिजिटल हाईवे बनाया जाएगा।
डिजीटल होंगी भारत की सड़कें
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) वित्तीय वर्ष 2024-25 तक देश के सभी हिस्से में लगभग 10,000 किलोमीटर ऑप्टिक फाइबर केबल (OFC) के बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (NHLML) ओएफसी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए नेशनल हाईवे के किनारे एकीकृत उपयोगिता गलियारों का निर्माण कर डिजिटल राजमार्गों के नेटवर्क को तैयार करेगी।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर हो रहा है काम
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के लिए तीन मीटर चौड़ाई में समर्पित उपयोगिता गलियारे की सुविधा शुरू की गई है। यह इस क्षेत्र में 5जी नेटवर्क की शुरुआत के लिए आधार के रूप में भी काम आएगा। जबकि, दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेसवे के लगभग 1,367 किलोमीटर और हैदराबाद- बेंगलुरू गलियारे के 512 किलोमीटर हिस्से को डिजिटल हाइवे के लिए प्रायोगिक मार्गों के रूप में डेवलप किया जाएगा।
एक साल में बिछा दी जाएगी ओएफसी
राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे ओएफसी बिछ रहे हैं। इसे लगभग एक साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह ओएफसी नेटवर्क देश के सुदूर स्थानों तक इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने की दिशा में नए युग की 5जी और 6जी जैसी दूरसंचार तकनीकों के त्वरित परिचालन में सहयोग करेगा। डिजिटल राजमार्गों के निर्माण से न केवल वृद्धि और विकास की गति को तेज करने में प्रभाव पड़ेगा, बल्कि यह हमारे देश के डिजिटल रूपांतरण में भी अपना योगदान देने का कार्य करेगा।
ओएफसी नेटवर्क दूरसंचार, इंटरनेट सेवाओं के लिए सीधे प्लग-एंड-प्ले या ‘फाइबर-ऑन-डिमांड’ मॉडल की सुविधा देगा।