DRDO, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने ओडिशा में बंगाल की खाड़ी के तट पर चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज से अभ्यास (ABHYAS) का सफल परीक्षण किया। ABHYAS यानी कि हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट एक लड़ाकू ड्रोन है। जिसका फ्लाइट टेस्ट 29 जून को किया गया। इस परीक्षण के बाद भारतीय रक्षा प्रणाली को और मजबूती मिलेगी। परीक्षण के दौरान लक्ष्य को जमीन-आधारित नियंत्रक यानी कि ground-based controller से सबसोनिक गति से पूर्व-निर्धारित उड़ान पथ में उड़ाया गया। इस वाहन का इस्तेमाल कई तरह की मिसाइल प्रणालियों की निगरानी के लिए हवाई लक्ष्य के रूप में किया जा सकेगा।
छोटे गैस टरबाइन इंजन से संचालित होता है ABHYAS
यह एंडो-वायुमंडलीय, सतह से हवा और हवा से हवा में मार करने में की क्षमता रखता है। परीक्षण के दौरान वैज्ञानिकों ने उपकरणों की मदद से इसकी स्पीड और रास्ते की निगरानी की। यह एक छोटे से गैस टरबाइन इंजन से चलता है। इसे स्वायत्त उड़ान के लिए बनाया गया है और यह अपने लक्ष्य को आसानी से भेदने की क्षमता रखता है। अभ्यास (ABHYAS) का निर्माण 2012 में शुरू हुआ था। डीआरडीओ (DRDO) के मुताबिक यह हथियार प्रणाली को परीक्षण के लिए एक रियलिस्टिक खतरे को दिखाता है, जिसकी मदद से विभिन्न मिसाइलों या हवा में मार करने वाले हथियारों का परीक्षण संभव होगा।
कम ऊंचाई पर हुआ परीक्षण
परीक्षण उड़ान के दौरान अभ्यास (ABHYAS) ने बेहतर और सटीक प्रदर्शन किया। इसे कम ऊंचाई पर उड़ाया गया ताकि भविष्य में सी-स्कीमिंग मिसाइलों जैसे ब्रह्मोस का परीक्षण हो सके। परीक्षण के दौरान ट्विन अंडर-स्लंग बूस्टर का उपयोग करके हवाई वाहन को लॉन्च किया गया। यह छोटी गैस टर्बाइन इंजन के जरिए ऑपरेट हुआ, जो सबसोनिक स्पीड से उड़ान को बनाए रखेगा।
DRDO को रक्षा मंत्री ने दी सफल परीक्षण की बधाई
DRDO और भारतीय सशस्त्र बलों को अभ्यास (ABHYAS) के इस सफल परीक्षण के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बधाई दी। उन्होंने कहा कि- ” इस सिस्टम के विकास से सशस्त्र बलों को हवाई लक्ष्यों की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगा।”