पीएम मोदी ने 13 अक्टूबर को ‘पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान’ की शुरूआत की। 100 लाख करोड़ रुपए की इस योजना से रेल और सड़क के साथ कुल 16 मंत्रालयों को डिजीटली आपस में जोड़ा जाएगा। इस प्लान से इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स में तेजी आएगी। शुरूआती तौर पर 16 ऐसे मंत्रालयों की पहचान की गई है जो बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर का काम देखते हैं। पीएम मोदी के द्वारा इस साल 15 अगस्त तो गति शक्ति योजना की घोषणा की गई थी।
क्या है ‘गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान’ ?
21वीं सदी के भारत निर्माण को नई ऊर्जा देने वाले इस प्लान के जरिए एक ही पोर्टल से सभी योजनाओं की जानकारी मिल पाएगी। इसमें रेलवे, सड़क राजमार्ग, पेट्रोलियम और गैस, बिजली, दूरसंचार, नौवाहन, विमानन-औद्योगिक पार्क बनाने वाले विभागों के अलावा 16 अन्य सरकारी विभागों को शामिल किया जाएगा। यह योजना देश के लिए मास्टर प्लान की तरह होगा। देश की इकोनॉमी को भी इससे मजबूती मिलेगी। इसमें शामिल सभी 16 मंत्रालयों और विभागों को जियोग्राफिक इन्फार्मेशन मोड में डाल दिया गया है। जिसे पूरा करने का लक्ष्य 2024-25 तक रखा गया है। इसमें सभी उच्च अधिकारियों का एक नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप बनाया जाएगा। इससे देश के विकास में गति और पारदर्शिता दोनों आएगी।
‘गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान’ के फायदे
औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
सरकारी कामकाज में पारदर्शिता आएगी।
युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
विकास कार्यों में गति आएगी।
सामान्य व्यक्ति के समय की बचत होगी।
पीएम मोदी ने इसका शुभारंभ करते हुए कहा- कि “सरकारी विभागों के बीच आपसी तालमेल की कमी देखी जाती है। इस वजह से देश की अर्थव्यवस्था को गति देने वाले प्रोजेक्ट लटक जाते थे। हमने सभी रुकावटों को दूर करने का प्रयास किया है।“