

वर्ल्ड आर्चरी चैम्पियनशिप में भारत को गोल्ड
मैक्सिको को 235-229 से हराया
इवेंट के इतिहास में पहली बार भारतीय विमेंस टीम को पहला स्थान
World Archery Championship में भारत की विमेंस कंपाउंड टीम ने पहली बार जीत हासिल की है। वर्ल्ड आर्चरी चैम्पियनशिप टूर्नामेंट के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि भारत को आर्चरी के इस इवेंट में गोल्ड मिला है। वर्ष 1931 में पहली बार वर्ल्ड आर्चरी चैम्पियनशिप हुई थी। वहीं कंपाउंड इवेंट 1995 से हो रहे हैं।
जर्मनी की राजधानी बर्लिन में चल रहे वर्ल्ड चैम्पियनशिप के कंपाउंड में भारतीय विमेंस टीम ने फाइनल में मैक्सिको को 235-229 से मात दी। इस विनिंग टीम में भारत की आर्चर ज्योति सुरेख, वेन्नम परनीत कौर और अदिति स्वामी शामिल थीं।
सेमीफाइनल में कोलंबिया को हराया
फाइनल से पहले भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में कोलंबिया को 220-216 से हराया था। वहीं भारतीय टीम को पहले राउंड में बाई मिला। जबकि प्री क्वार्टर फाइनल में तुर्की को और क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपे को भारतीय टीम ने हराया था।
पहली बार टॉप-8 में से 3 भारतीय खिलाड़ी
ये भारत के लिए गर्व की बात है कि विमेंस कंपाउंड के इंडिविजुअल में पहली बार टॉप-8 तीरंदाजों में 3 भारतीय शामिल हैं। भारतीय टीम की तीनों तीरंदाज ज्योति सुरेख, वेन्नम परनीत कौर और अदिति स्वामी ने क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने में सफलता हासिल की है।
वर्ल्ड आर्चरी चैम्पियनशिप
वर्ल्ड आर्चरी चैम्पियनशिप की शुरुआत वर्ष 1931 से हुई थी। 1931 से 1969 तक इसका आयोजन हर साल होता रहा है। वहीं 1969 के बाद से इसका आयोजन हर दो साल के बाद होता है। भारत ने इस चैम्पियनशिप में 9 बार सिल्वर और 2 बार ब्रॉन्ज मेडल जीता है।
वहीं वर्ल्ड कप का आयोजन 2006 से हुआ है। वर्ल्ड कप के साल 4 स्टेज कराए जाते हैं, जो अलग-अलग देश में आयोजित होते हैं। इन चारों स्टेज को मिलाकर टॉप-8 में रहने वाली टीम और तीरंदाज वर्ल्ड कप फाइनल में हिस्सा लेते हैं।