मध्य प्रदेश के रीवा के पेसर कुलदीप सेन अब न्यूजीलैंड की फास्ट पिचों पर गेंदबाजी करेंगे। उन्हे वनडे के लिए भारतीय टीम में जगह दी गई है। आईपीएल में खेल चुके कुलदीप पहले ही अपना शानदार खेले से परिचय करवा चुके हैं। वे अब अनजाना चेहरा नहीं हैं। राजस्थान रॉयल्स के इस गेंदबाज ने जिस रफ्तार से विकेट लिए थे, उनके कई फैन तैयार हो गए हैं। उन्होंने आखिरी ओवर में लखनऊ जॉयंट्स के खिलाफ 14 रन बचाकर पहचान हासिल की थी।
आज क्रिकेट स्टार हैं कुलदीप
कुलदीप भले ही आज स्टार हैं लेकिन उनकी राह आसान नहीं थी। उन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत की है। उन्होंने उधार के जूतों से अपनी प्रैक्टिस पूरी की है। कुलदीप के पिता सैलून चलाते हैं। सिलेक्शन पर खुश हैं पिता और कोच पिता रामपाल ने एक अखबार को दिए साक्षात्कार में कहा कि ‘बढ़िया है कि बेटा भारतीय टीम में चुन लिया गया।’
कोच एरिल एंथोनी का कहना है कि – ‘बोर्ड ने उनके प्रदर्शन पर भरोसा किया है, उम्मीद करता हूं कि उसे कैप भी मिले और वह बेहतर प्रदर्शन करेंगे।’
प्रेरणादायी है कुलदीप के संघर्ष की कहानी
साथी गेंदबाज के जूते से कुलदीप ने अपनी प्रैक्टिस की है। उन्होंने काफी संघर्ष किया है। एक समय उसके पास प्रैक्टिस के लिए जूते तक नहीं थेष उन्होंने 2014 के न्यूजीलैंड दौरे के लिए टीम इंडिया में चुने गए ईश्वर पांडेय से स्पाइक्स उधार लिए थे।
कोच की फ्री कोचिंग ने भी कुलदीप की जिंदगी को सकारात्मक मोड़ दिया। खेल के प्रति कुलदीप की लगन और मेहनत की वजह से ही आज वे इस मुकाम पर हैं। कुलदीप को झारखंड से रणजी खेलने वाले आनंद सिंह का भी भरपूर सहयोग रहा।