Asian Atheletics championship: भारत की उभरता सितारा हैं ये एथलीड, जानें एशियन चैंपियनशिप में कैसे रचा इतिहास!

• Asian Championship में ज्योति याराजी ने जीता गोल्ड
• 100 मीटर हर्डल रेस में जीत हासिल कर रचा इतिहास
• मां सफाई कर्मी और पिता हैं सुरक्षा गार्ड

Asian Atheletics championship में ज्योति याराजी ने 100 मीटर हर्डल रेस में गोल्ड मेडल हासिल कर देश का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया है। ज्योति ने सिर्फ गोल्ड नहीं जीता है बल्कि उन्होंने एक शानदार रिकार्ड भी कायम किया है। ज्योति ने एथलेटिक्स चैंपियनशिप के इतिहास में पहला गोल्ड जीता है।

थाईलैंड में चल रहे 25वीं एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत की ज्योति याराजी ने इतिहास विमेंस 100 मीटर हईल रेस में गोल्ड मेडल हासिल किया है। ज्योति ऐसा करने वाली पहली भारतीय एथलीट के तौर पर रिकार्ड बनाने में कामयाब हुई हैं। ज्योति ने ये रेस 13.09 सेकंड में पूरा कर गोल्ड जीता है। इससे पहले ज्योति ने कई बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड को भी तोड़ा है। ज्योति भारत की सबसे प्रतिभाशाली एथलीट के तौर उभकर सामने आ रही हैं। देश को उनसे काफी उम्मीदें हैं।

आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद नहीं छूटा खेल का साथ

ज्योति याराजी का जन्म 28 अगस्त 1999 को आंध प्रदेश के विशाखापट्टनम में हुआ था। उनके पिता एक सुरक्षा कर्मी और माता अस्पताल में सफाई कर्मी के ताौर पर काम करती हैं। यही उनके परिवार का आय का जरिया है। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद उनके माता-पिता ने उनके खेल में उनका बराबर साथ दिया। सीमित साधनों में ज्योति ने अपना बचपन बिताया है। ज्योति स्कूल के दिनों से ही दौड़ में काफी अच्छी हैं। विजाग के पोर्ट हाई स्कूल में फिजिकल एजुकेशन की टीचर ने उनके टैलेंट पहचाना। उनके शिक्षक ने ये महसूस किया कि उनका कद काफी अच्छा है और वे एक हर्डलर बनने के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं। उनके शिक्षक ने उन पर मेहनत की ज्योति ने भी खेल के प्रति अपनी जी जान लगा दी इसके बाद उन्होंने कभी मुड़कर पीछे नहीं देखा।

ओलंपियन रमेश से मिली ट्रेनिंग

एथलीट ज्योति याराजी ने आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय से इतिहास सब्जेक्ट में ग्रेजुएशन पूरा किया है। ज्योति साल 2015 में आंध्र प्रदेश इंटर डिस्ट्रिक्ट मीट में गोल्ड मेडल जीतने के बाद पहली बार लोगों के नजर में आयी थी। उन्होंने ओलंपियन एन रमेश से ट्रेनिंग ली है। इसके लिए वे हैदराबाद के साई सेंटर चली गई थी, साई सेंटर में 2 साल रहने के बाद ज्योति को गुंटूर में सेंटर ऑफ एक्लेस में शामिल होने का अवसर मिला। वे साल 2019 में रिलायंस ओडिशा एथलेटिक्स हाई परफॉर्मेंस सेंटर चली गई जहां ज्योति को ब्रिटिश कोच जेम्स हिलियर से ट्रेनिंग मिली।

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Dr. Kirti Sisodia

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