

Antim Panghal: पिछले कुछ सालों में भारतीय महिलाओं ने खेल के क्षेत्र में अपना परचम पूरी दुनिया में लहराया है। वे देश का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन कर रही हैं। ओलंपिक से लेकर कॉमनवेल्थ खेलों तक में भारतीय महिला एथलीटों ने अपना दमदार और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया है। और इस बात को लगातार साबित करने वाली महिलाओं में 20 वर्षीय अंतिम पंघाल का भी नाम चुड़ किया है। उन्होंने रेसलिंग चैंपियनशिप में भारत के लिए स्वर्ण पदक हासिल कर देश का मान बढ़ाया है। अंतिम पंघल का नाम भले ही दूसरे अर्थ में आखिरी हो लेकिन वह अपने करियर में अव्वल आ गई हैं। विश्व रेसलिंग चैंपियनशिप में अंतिम पंघल ने 53 किलो वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। इस पुरस्कार के बाद वह गोल्ड मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बन गई हैं।
Antim Panghal के बारे में
अंतिम का संबंध हरियाणा के हिसार जिले से संबंध रखती हैं। उनके गांव का नाम भगाना है। उनके पिता का नाम रामनिवास पंघल और माता कृष्णा कुमारी है। वह अपने परिवार की चौथे नंबर की बेटी हैं, इसलिए उनके जन्म पर माता पिता ने उनका नाम अंतिम रख दिया। दरअसल, अंतिम के गांव की प्रथा है कि जिस घर में बहुत सारी लड़कियों का जन्म लेती हैं, उनको काफी या अंतिम जैसे नामों से संबोधित कर दिया जाता है। ऐसा और लड़कियां पैदा न होने की मान्यता की वजह से होता है।
अंतिम ने आज अपने गांव ही नहीं बल्कि पूरे देश का सर गर्व से ऊंचा किया है। लेकिन जब अंतिम का जन्म हुआ था तब हालात अलग थे, रामनिवास पंघल की पहले से तीन बेटियां थीं। परिवार एक बेटे की ख्वाहिश में था लेकिन चौथी बेटी के रूप में अंतिम ने जन्म लिया। हालात जो भी रहे हों लेकिन अंतिम के माता-पिता ने अपनी बेटी का समर्थन किया। अंतिन ने रेसलर बनने का सपना देखा तो पिता ने उसके सपने को पूरा करने के लिए साथ खड़े हो गए। अंतिम की बड़ी बहन सरिता राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी खेलती हैं। अंतिम और सरिता दोनों हिसार से ट्रेनिंग के लिए 20 किलोमीटर का सफर तय करती थीं। उनके पिता दोनों बेटियों को ट्रेनिंग के लिए ले कर जाते थे।
Antim Panghal का रेसलिंग करियर
कोच रौशनी देवी के नेतृत्व में अंतिम ने रेसलिंग की ट्रेनिंग लेने की शुरूआत की। रामनिवास ने बेटी अंतिम को रेसलिंग सीखने के लिए भेजना शुरू कर दिया। कड़ी मेहनत के बाद अंतिम पंघल ने एशिया अंडर 20 चैंपियनशिप में गोल्ड जीता। इसके अलावा वर्ल्ड अंडर 17 में कांस्य और एशिया अंडर 23 में सिल्वर पदक जीता। महज 17 साल की उम्र में अंतिम पंघल ने जूनियर रेसलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर भारत को गौरान्वित कर दिया।