छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भगवान विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने राज्य के सभी जिलों में अन्नपूर्णा दाल-भात केन्द्र खोलने और पंजीकृत श्रमिक परिवारों के बच्चों को श्रेष्ठ आवासीय विद्यालय में निःशुल्क अध्ययन की सुविधा देने के लिए अटल उत्कृष्ट शिक्षा सहायता योजना की शुरुआत की। इस पहल से राज्य के श्रमिकों को बेहतर भोजन और शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में एक ठोस कदम बढ़ाया गया है।
आर्थिक सहायता और सम्मान
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित श्रमिक सम्मेलन में, मुख्यमंत्री ने 57,000 से अधिक पंजीकृत श्रमिक परिवारों को विभिन्न योजनाओं के तहत 49.43 करोड़ रुपये की राशि डी.बी.टी. के माध्यम से वितरित की। यह राशि सीधे श्रमिकों के खातों में गई, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हुई है। कार्यक्रम में श्रमिकों को सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री ने श्रम विभाग द्वारा तैयार की गई कॉफी टेबल बुक ‘क्रेडल्स ऑफ होप’ का विमोचन भी किया।
श्रमिकों के हित में सरकारी प्रयास
मुख्यमंत्री ने श्रम विभाग की नई योजनाओं जैसे श्रमेव जयते एप और श्रमिक हेल्पलाइन नंबर की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान श्रमिकों की पेंशन राशि को बढ़ाकर एक हजार रुपये किया गया था और प्रोविडेंट फंड के तहत यूनिवर्सल नंबर का आवंटन किया गया। इससे श्रमिकों को विभिन्न लाभ प्राप्त करने में आसानी हुई है।
सुशासन और पारदर्शिता
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सरकार की योजनाओं में सुशासन और पारदर्शिता को प्राथमिकता देने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को सीधे उनके खातों में सहायता राशि मिलने से योजनाओं का लाभ सीधे उन्हें मिल रहा है। श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने बताया कि वर्तमान में 235 करोड़ रुपये की सहायता राशि श्रमिकों को प्रदान की गई है।
श्रमिकों का भविष्य और शिक्षा
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि श्रमेव जयते एप और शिकायत निवारण पोर्टल श्रमिकों को उनकी समस्याओं के समाधान में मदद कर रहा है। रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने श्रमिकों को राज्य की रीढ़ की हड्डी बताते हुए उनके बच्चों के भविष्य और शिक्षा के लिए बेहतर प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।
Positive सार
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की यह पहल न केवल श्रमिकों के लिए भोजन और शिक्षा की सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि इससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। यह कदम प्रदेश के श्रमिक वर्ग के लिए एक नई उम्मीद की किरण साबित होगा।