

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने 4 जुलाई को होटलों, रेस्तरां और ढाबों आदि को खाने-पीने के बिल में सर्विस चार्ज लगाने से प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसा पहला मौका नहीं है जब सर्विस चार्ज को लेकर बातचीत शुरू हो गई हो। इससे पहले साल 2017 में भी केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि सर्विस चार्ज या सेवा शुल्क देने के लिए किसी को बाध्य नहीं कर सकते हैं।
इसे कुछ इस तरह से समझ सकते हैं कि आप किसी होटल में खाना खाने गए और होटल आपके बिल में खाने के साथ-साथ सेवा शुल्क का भी पैसा जोड़ देता है तो आप सेवा शुल्क देने से मना कर सकते हैं ये आप पर निर्भर करता है कि आप सर्विस चार्ज देंगे या नहीं।
सीसीपीए के दिशानिर्देश
• होटल या रेस्टोरेंट खाने के बिल में सर्विस चार्ज नहीं जोड़ सकेगा
• किसी दूसरे नाम से सर्विस शुल्क नहीं लिया जा सकेगा
• होटल या रेस्तरां सेवा शुल्क का भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं करेगा
• होटल या रेस्टोरेंट स्पष्ट रूप से यह बताएगा कि सेवा शुल्क देना ऐच्छिक, वैकल्पिक और उपभोक्ता का अधिकार है।
• सर्विस चार्ज नहीं लगा पाने की वजह से होटल या रेस्टोरेंट सेवाएं देने से मना नहीं कर सकता है।
• सर्विस चार्ज को खाने के बिल के साथ जोड़कर और कुल राशि पर GST लगाकर नहीं लिया जा सकेगा।
• होटल या रेस्टोरेंट दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए सेवा शुल्क लगा रहा है, तो उपभोक्ता संबंधित होटल या रेस्टोरेंट से सर्विस चार्ज को बिल राशि से हटाने का की मांग कर सकता है।
• उपभोक्ता राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) 1915 पर कॉल करके या NCH मोबाइल ऐप के ज़रिए से शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
• उपभोक्ता अनुचित व्यापार कार्य प्रणाली के ख़िलाफ़ उपभोक्ता आयोग में शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं।
• त्वरित और प्रभावी तरीके से निपटाने के लिए ई-दाखिल पोर्टल www.e-daakhil.nic.in के ज़रिए इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
• उपभोक्ता जांच और CCPA के द्वारा आगे की कार्यवाही के लिए सम्बद्ध जिले के ज़िला कलेक्टर को शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
• CCPA को शिकायत ई-मेल com-ccpa@nic.in. पर भेज सकते हैं।