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सरकार ने नई शिक्षा नीति का अनावरण किया जिसमें कई सराहनीय सुधार देखने को मिले हैं। नई शिक्षा नीति की ख़ास बातों में से एक है स्कूली पाठ्यक्रम के 10 + 2 के पुराने सिस्टम की जगह नए 5 + 3 + 3 + 4 के नए सिस्टम को लागू किया गया है जो क्रमश आयु वर्ग 3-8, 8-11, 11-14 और 14-18 वर्ष के हिसाब से होगा। यह बदलाव हमें 34 वर्षों के बाद देखने को मिला है।
अब बच्चों के रिपोर्ट कार्ड में होंगी उनके स्किल्स की जानकारी
बच्चों के रिपोर्ट कार्ड में अब उनकी स्किल का भी उल्लेख किया जायेगा। इतना ही नहीं, बच्चे अपना मूल्यांकन खुद कर सकेंगे। इसके अलावा अब स्कूली बच्चों को 10 दिन की इंटर्नशिप भी करनी होगी।
National Education Policy की बड़ी बातें
- स्कूलों में अब शुरूआती 5 सालों में प्ले बेस्ड एक्टिविटीज के ज़रिये पढ़ाई करवाई जाएगी। NCERT को इसका करिकुलम तैयार करने की ज़िम्मेदारी दी गयी है। 3 से 6 साल के आंगनबाड़ी या प्री स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का कोर्स अब खेलो – पढ़ो – सीखो की नई योजना पर आधारित होगा और इसके लिए टीचर्स को ख़ास ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
- पहली से पांचवी कक्षा तक के बच्चों को साक्षरता और संख्या ज्ञान पर ज़ोर देने के लिए नेशनल मिशन सेटअप किया जाएगा। कक्षा 5वी आते-आते बच्चों को भाषा और गणित के साथ उनके स्तर के सामान्य ज्ञान की शिक्षा भी दी जाएगी। तीसरी क्लास से ही कोर्स को ऐसा डेवलप किया जायेगा जिससे बच्चों में शुरुआत से ही साइंटिफिक टेम्पर डेवलप हो सके।
- 6वीं के बाद से ही बच्चों को कोडिंग की शिक्षा दी जाने लगेगी और 6वीं से 12वीं तक सारे विषय पढ़ाए जायेंगे। इनमें वोकेशनल कोर्स भी शामिल होंगे।
- पढ़ाई के दौरान बच्चों को 10 दिन की इंटर्नशिप भी करनी होगी जिसके तहत बच्चों को विषय के हिसाब से निकटतम वर्कशॉप में जाकर देखना होगा कि जिस वोकेशनल कोर्स को उन्होंने चुना है, वह काम वास्तव में कैसे होता है।
- नई शिक्षा नीति की सबसे ख़ास बातों के अनुसार अब क्लास 9 से 12 तक के बच्चे अब मल्टी डिसिप्लिनरी कोर्स चुन पाएंगे। इसका मतलब यह कि अगर बच्चा चाहे तो वह केमिस्ट्री के साथ म्यूज़िक ले सकता है। या फिजिक्स के साथ बेकरी,कुकिंग जैसे विषय भी लिया जा सकेगा।
- बालिका शिक्षा पर ज़ोर देने के लिए कस्तूर्बा गांधी बालिका विकास विद्यालय जो अभी तक सिर्फ 8वीं से 10वीं तक है, उसे 12वीं तक किया जायेगा।
- इसके साथ ही बोर्ड परीक्षा के महत्व को कम करने के लिए बहुत सारे बदलाव सुझाये गए हैं। बोर्ड परीक्षा को दो पार्ट में बांटा जाएगा- ऑब्जेक्टिव और डिस्क्रिप्टिव। बोर्ड परीक्षा में अब नॉलेज के एप्लीकेशन को टेस्ट किया जाएगा।