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डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिक्सन तीन दिन के भारतीय दौर पर हैं। उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की और नवीन ऊर्जा, कारोबार, निवेश सहित द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तृत चर्चा की। मेटे ने कहा- “कि भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी दुनिया के लिए एक प्रेरणा हैं।‘
पीएम मोदी और फ्रेडरिक्सन के बीच पिछले साल स्थापित ‘हरित सामरिक गठजोड़’ के प्रगति की समीक्षा होगी। दरअसल 28 सितंबर 2020 को डिजीटल माध्यम से हुई शिखर बैठक में भारत और डेनमार्क ने ‘हरित सामरिक गठजोड़’ स्थापित किया था। इसका उद्देश्य नवीनीकरण ऊर्जा, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और विज्ञान-प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग के प्रसार के लिए एक ढांचा तैयार करना है। इस बैठक को लेकर पीएम मोदी ने कहा- ‘‘आज से एक साल पहले, हमने भारत और डेनमार्क के बीच हरित रणनीतिक साझेदारी स्थापित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। यह हम दोनों देशों की दूरगामी सोच और पर्यावरण के प्रति सम्मान का प्रतीक है।’’
पीएम मेटे फ्रेडरिक्सन के भारत यात्रा का महत्व
पीएम मोदी ने बैठक को लेकर बताया कि भारत और डेनमार्क ने कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नयी साझेदारी की शुरूआत की है। भारत में कृषि की उत्पादकता को बढ़ाने और किसानों की आय में वृद्धि के लिए संबंधित प्रौद्योगिकी में सहयोग का निर्णय दोनों देशों ने लिया है। इसके अंतर्गत खाद्य सुरक्षा, कोल्ड चैन, खाद्य प्रसंस्करण, खाद, मत्स्य जैसे क्षेत्रों की प्रौद्योगिकी पर काम होगा।
कैसे हैं भारत-डेनमार्क संबंध ?
भारत और डेनमार्क के बीच मजबूत कारोबारी और निवेश संबंध स्थापित हैं। भारत में 200 से अधिक डेनमार्क कंपनियां हैं। और भारत की लगभग 60 कंपनियों का निवेश डेनमार्क में है। दोनों देशों के बीच नवीनीकरण ऊर्जा, स्वच्छता प्रौद्योगिकी, जल-कचरा प्रबंधन, कृषि-पशुपालन, साइंस और टेक्नोलॉजी, स्मार्ट शहर जैसे क्षेत्रों में मजबूत सहयोग है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है। देश की 70 फीसदी आबादी कृषि पर ही निर्भर है ऐसे में कृषि और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर डेनमार्क पीएम की भारत यात्रा और द्विपक्षीय वार्ता भारत के लिए एक सकारात्मक निर्णय साबित होंगे।