अच्छे मूड और क्रिएटिविटी को बढ़ाने में गार्डनिंग काफी मदद करते हैं। हाल के शोध से इस बात की पुष्टि हुई है। लेकिन बढ़ते शहरीकरण और कम स्पेस की वजह से अक्सर लोग गार्डनिंग जैसी सबसे खास आदत को इग्नौर कर देते हैं। लेकिन थोड़ी सी मेहनत और छोटे-छोटे खाली जगहों के उपयोग से गार्डनिंग के शौक को पूरा किया जा सकता है।
जगह का सही उपयोग करना पौधो के लिए
अगर आपके पास थोड़ी सी ज़मीन हो और उसमें पतली-सी क्यारी जितनी जगह हो ते पहले इसको लकड़ी या पतली टाइल की मदद से कई भागों में बांट सकते हैं। हर भाग में अलग-अलग पौधे लगाया जा सकता है। वहीं क्यारी की सीमा (बाउंड्री) पर सब्ज़ियों और फूलों के पौधों के गमले भी रखे जा सकते हैं। इससे पौधों के लिए काफ़ी जगह बनेगी।
वर्टिकल गार्डन की तैयारी
अगर आपको बहुत सारे पौधे एक साथ लगाना है पर जगह की कमी हो रही है तो इसके लिए वर्टिकल गार्डन बेस्ट है। गमलों के लिए स्टैंड रख सकते हैं जिसमें एक स्टैंड पर छह-सात से ज़्यादा गमलों की जगह हो। स्टैंड लंबाई में होता है इसलिए जगह भी कम घेरेगी। अगर आंगन या बालकनी का कोई ऐसा कोना है जिसका उपयोग नहीं कर रहे हैं तो किनारे के लिए भी स्टैंड ले सकते हैं। पॉट वाले स्टैंड भी इस्तेमाल कर किया जा सकता है। इसमें छोटे पौधे वाले फल जैसे स्ट्रॉबेरी और सब्ज़ियां जैसे चेरी टमाटर उगाई जा जा सकती है।
हैंगिंग बास्केट बेस्ट विकल्प
अगर आप अपार्टमेंट वाली जगहों पर रहते हैं तो हैंगिंग बास्केट वाला आइडिया आपके काम आ सकता है। इसमें बालकनी में पालक, मेथी, स्ट्रॉबैरी, मोटी लाल मिर्च, चेरी टमाटर, करेला आदि जैसे छोटे पौधे और बेल को दीवार पर लटकाया जा सकता है। इसके लिए स्टैंड का इस्तेमाल होता है या फिर छत के सहारे भी लटकाया जा सकता है। पत्तेदार सब्ज़ियां छोटी जगह में भी अच्छी बढ़ती हैं। इसलिए कई छोटे-छोटे पॉट में पालक, मेथी आदि लगाकर इन्हें दीवार के सहारे लटका दें।
कुछ पौधों को एक ही गमले में साथ लगाने से भी काफ़ी जगह बचती है। धनिया-मेथी को एक साथ लगाया जा सकता है। शलजम और मूली एक गमले में लगा सकते हैं। हरी मिर्च, लाल मोटी मिर्च और शिमला मिर्च एक ही गमले में लगाने का विकल्प देती है। जड़ वाली सब्ज़ियां जैसे मूली और गाजर भी साथ लग सकती हैं।