शिक्षा मानव के सर्वांगीण विकास का सशक्त माध्यम है- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी
गांधी के ये विचार हमेशा प्रासंगिक रहेंगे। और यही वजह है कि आज हर किसी के जीवन में शिक्षा का एक महत्वपूर्ण स्थान है। वैसे भी शिक्षा के क्षेत्र में भारत हमेशा से समृद्ध रहा है। वेद-पुराणों की रचना यहीं से हुई, विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों में भी भारत के शिक्षण संस्थान हमेशा आगे रहे हैं। अगर बात वर्तमान की करें तो भारत के आईआईटी, आईआईएम और दूसरे शिक्षण संस्थान शिक्षा के उच्च गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं। और अब भारत तैयारी कर रहा है डिजिटल यूनिवर्सिटीज के माध्यम से शिक्षा के नए आयाम को स्थापित करने की, ताकि दुनिया में कुछ भी हो स्टूडेंट्स की पढ़ाई न रुके।
डिजीटल यूनिवर्सिटी पढ़ाई का ऑनलाइन माध्यम
डिजीटल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई पूरी तरह से ऑनलाइन माध्यम में होती है। यहां दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स को कहीं भी जाने की जरूरत नहीं होगी। वह अपनी क्लास दुनिया के किसी भी कोने से पूरी कर सकता है।
डिजिटल यूनिवर्सिटी और डिजिटल पढ़ाई
इस बात को ठीक-ठीक साबित करना मुश्किल होगा कि डिजिटल यूनिवर्सिटी या कॉलेज की शुरूआत कहां से हुई। पर यह निश्चित रुप से कहा जा सकता है कि जब लोगों तक ऑनलाइन माध्यमों की पहुंच बढ़ी तब से ही पढ़ाई का माध्यम डिजिटल हुआ। कुछ दशक पहले तक दुनिया के टॉप यूनिवर्सिटी सर्टिफिकेट कोर्स के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा और डिग्री देते थे। पर समय की मांग को देखते हुए अब विदेशों से डिजिटल पढ़ाई आम बात हो गई है और इंटरनेट की हर आम आदमी तक पहुंच ने इसे और भी आसान बना दिया है। भारत की बात करें तो साल 2021 में केरल में पहली बार डिजिटल विश्वद्यालय की शुरूआत की गई थी। और वर्तमान परिस्थितियों में शिक्षा में बाधा को खत्म करने के लिए भारत के बजट 2022 में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में डिजिटल यूनिवर्सिटी को खोलने की घोषणा की है।
कैसी होगी भारत की डिजिटल यूनिवर्सिटी?
- डिजिटल यूनिवर्सिटी इंफॉर्मेशन एंड कम्यूनिकेशंस टेक्नोलॉजी (ICT) फॉर्मेट पर स्थापित होगी।
- ये यूनिवर्सिटी हब एंड स्पोक मॉडल नेटवर्क पर संचालित होगी।
- डिजिटल यूनिवर्सिटी के जरिए देश की विभिन्न भाषाओं में शिक्षा होगी।
- इस यूनिवर्सिटी में छात्रों को इंडियन सोसाइटी फॉर टेक्निकल एजुकेशन (ISTE) के स्टैंडर्ड पर वर्ल्ड क्लास एजुकेशन उपलब्ध होगी।
पलायन और अशिक्षा की टूटेगी कड़ी
अक्सर यह देखा जाता है कि उच्च शिक्षा के लिए बेहतर स्कूल और कॉलेज नहीं होने की वजह से स्टूडेंट्स को बड़े शहरों का रुख करना पड़ता है। और इस मामले में लड़कियों की स्थिति ज्यादा गंभीर है क्योंकि पैसों के अभाव या फिर लड़कियों को घर से बाहर भेजने के डर से अभिभावक या तो पढ़ाई बंद करवा देते हैं या फिर स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों में ही शिक्षा को जारी रखते हैं। डिजिटल यूनिवर्सिटी की सुविधा से पलायन और अशिक्षा दोनों की कड़ी टूटेगी साथ ही छात्र अपने घर से ही अपनी पसंद की डिग्री हासिल कर सकेंगे।
भारत और डिजिटल यूनिवर्सिटी
वैसे तो भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश है। शिक्षा के क्षेत्र में भी हमने अभूतपूर्व विकास और लक्ष्यों को हासिल किया है। लेकिन भारत में आज भी कुछ तबका ऐसा है जहां पर बिजली और इंटरनेट की पहुंच के लिए काम जारी है। ऐसे में यह सुनिश्चित करना जरूरी हो जाता है कि उन लोगों तक भी डिजीटल यूनिवर्सिटी की सुविधा पहुंच सके। इसके लिए भारत को जमीनी स्तर पर जाकर काम करना जरूरी है। जिससे डिजिटल यूनिवर्सिटी का स्वर्णिम सपना पूरा हो सके।