CM and Deputy CM: भारत के 5 राज्यों में हाल ही में चुनाव हुए हैं। चुनी गई सरकारें अब अपने मंत्रीमंडल और मुख्यमंत्री के चुनाव पर फोकर कर रही है। कई राज्य में तो मुख्यमंत्रियों ने अपना पदभार भी ग्रहण कर लिया है। ऐसे में ये बात भी आपने सुना होगा कि कुछ राज्यों में सीएम और के साथ डिप्टी सीएम (CM and Deputy CM) का भी चुनाव किया गया है। तो ऐसे में दिमाग में अपने आप ये बात आती है कि कैसे ये डिप्टी सीएम और सीएम अलग-अलग होते हैं। साथ ही डिप्टी सीएम (CM and Deputy CM) के क्या अधिकार हैं, ये सीएम की तुलना में कैसे अलग काम करते हैं। इस आर्टिकल के जरिए हम जानेंगे कि क्या है राज्य की सियासत में डिप्टी सीएम का दर्जा और काम क्या होता है और क्या डिप्टी सीएम बनने से राज्य के मुख्यमंत्री के अधिकरों में कमी आती है सबकुछ….
संविधान में नहीं है डिप्टी सीएम का पद
भारतीय संविधान में डिप्टी मुख्यमंत्री का पद नहीं है, यानी कि (CM and Deputy CM) यह पद संवैधानिक नहीं है। इसे सरल शब्दों में इस तरह से समझ सकते हैं, जैसे उपराष्ट्रपति की नियुक्ति और काम का जिक्र संविधान में हुआ है,। (CM and Deputy CM) उस तरह संविधान में किसी भी राज्य के लिए डिप्टी सीएम पद का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। यह एक तरह की राजनीतिक व्यवस्था तहत लाई गई है। (CM and Deputy CM) ताकि राजनीतिक पार्टियां उस राज्य में सभी धर्मों और जाति के लोगों को साथ लेकर चल सके। (CM and Deputy CM) इसमें एक बात और जानने लायक है कि राज्य के मुख्यमंत्री की तरह डिप्टी सीएम को कोई विशिष्ट वित्तीय या प्रशासनिक शक्तियां नहीं दी जाती हैं।
मुख्यमंत्री के अधिकारों को नहीं पड़ता फर्क
संविधान में डिप्टी सीएम जैसा कोई पद नहीं दिया गया है। इसलिए राज्य के मुख्यमंत्री के अधिकारों और कार्य करने के तरीके में किसी तरह की कोई कमी नहीं दिखाई देती है। (CM and Deputy CM) इतना ही नहीं किसी भी विभाग में कोई भी फाइल डिप्टी सीएम से होते हुए मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंचती है। इसे साफ शब्दों में कहे तो डिप्टी सीएम का पद सिर्फ एक (CM and Deputy CM) प्रतीकात्मक पद है।
डिप्टी सीएम के भत्ते और अधिकार
अगर डिप्टी सीएम के रैंक और भत्तों की बात करें तो डिप्टी सीएम कैबिनेट मंत्री के बराबर ही होता है। इतना ही नहीं शपथ लेते समय भी कोई नेता डिप्टी सीएम (CM and Deputy CM) पद की तरह शपथ नहीं लेता है। उन्हें मंत्री के तौर पर ही शपथ लेनी होती है। इसके अलावा डिप्टी सीएम सिर्फ वही विभाग देखते हैं जो कैबिनेट में उन्हें सौंपा जाता है।
डिप्टी सीएम की जरूरत
मुख्यमंत्री के पास ये शक्ति होती है कि वो राज्य में एक से ज्यादा उप-मुख्यमंत्री को नियुक्त कर सकता है। (CM and Deputy CM) एक राज्य में कितने उप मुख्यमंत्री हो सकते हैं, इसकी कोई लिमिट नहीं तय की गई है। बता दें कि सहयोगी दलों के मंत्री या किसी जाति विशेष के नेता को उपमुख्यमंत्री पद देने से गठबंधन (CM and Deputy CM) सरकार और राज्य में राजनीतिक स्थिरता और मजबूती मिलती है।
डिप्टी सीएम की शक्तियां
अगर डिप्टी सीएम की शक्तियों की बात करें तो राज्य (CM and Deputy CM) के मुख्यमंत्री की तरह डिप्टी सीएम के पास कोई विशिष्ट वित्तीय या प्रशासनिक शक्तियां नहीं होती, उनकी नियुक्ति राज्य के मुख्यमंत्री के द्वारा की जाती है। डिप्टी सीएम का कोई (CM and Deputy CM) निश्चित कार्यकाल भी तय नहीं होता है। राजनीतिक समीकरण बदलने पर मुख्यमंत्री किसी भी समय डिप्टी सीएम को हटा या बदल सकता है।