

केंद्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को सही वित्तीय पहुंच सुनिश्चित करने और बिना किसी परेशानी के उन्हें उद्योग में सहायता पहुंचाने कई योजनाओं की शुरूआत की है। जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर तो हो रही हैं साथ ही वे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी कारगर साबित हो रही हैं।
क्रेडिट गारंटी योजना:
MSME मंत्रालय CGTMSE के जरिए सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी योजना लागू करता है। जिससे एमएसई को 500 लाख रुपये (01.04.2023 से) की सीमा तक कोलेट्रल फ्री लोन दिया जा सके, जिसमें महिलाओं को ऋण के लिए 85 प्रतिशत तक गारंटी कवरेज मिलता है, जबकि सामान्य दर 75 प्रतिशत तक है। ये शुरू होने के बाद से 30 जून 2023 तक 4.50 लाख करोड़ रुपये की राशि वाली कुल 72.59 लाख गारंटी को मंजूरी मिली है। इसमें से 65,209 करोड़ रुपये की 15.10 लाख गारंटी महिलाओं के स्वामित्व वाले एमएसई को प्रदान की गई है।
आत्मनिर्भर भारत (SRI) फंड:
भारत सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम में इक्विटी फंडिंग के रूप में 50,000 करोड़ रुपये लगाने के लिए फंड घोषित की है। इसे आत्मनिर्भर भारत (SRI) फंड के रूप में भी पहचान मिली है। इस योजना के अंतर्गत 50,000 करोड़ रुपये के फंड के कुल आकार में भारत सरकार से 10,000 करोड़ रुपये और निजी इक्विटी/वेंचर कैपिटल फंड के माध्यम से 40,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस पहल का उद्देश्य एमएसएमई क्षेत्र की पात्र इकाइयों को विकास पूंजी प्रदान करना भी है। 30 जून 2023 तक और प्रारंभ होने के बाद से कुल 45 डॉटर फंड NVCFL (मदर फंड) के साथ सूचीबद्ध हुए हैं। साथ ही 4,885 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के माध्यम से 342 एमएसएमई को सहायता मिली है। जिनमें से 60 महिलाओं के पास स्वामित्व में हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY):
वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के द्वारा इसकी शुरुआत 08 अप्रैल 2015 को की गई ताकि व्यक्तियों को 10 लाख रुपये तक के गारंटी-मुक्त ऋण प्रदान हो सके। इसका उद्देश्य उन्हें अपनी व्यवसाय गतिविधियों को स्थापित या विस्तारित करने में मदद करना था। यह योजना विनिर्माण, व्यापार, सेवा क्षेत्रों और कृषि से संबद्ध गतिविधियों में आय सृजन गतिविधियों के लिए शिशु (50,000 रुपये तक), युवा (50,000 रुपये से अधिक और 5 लाख रुपये तक) और तरुण (5 लाख रुपये से अधिक और 10 लाख रुपये तक) नामक तीन श्रेणियों में ऋण की सुविधा देती है। PMMY के अंतर्गत ऋण सदस्य ऋण संस्थानों (MLIs), यानी बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs), सूक्ष्म वित्त संस्थानों (MFIs) और अन्य वित्तीय मध्यस्थों द्वारा दिए जाते हैं। कोलेट्रल मुक्त कवरेज का विस्तार करने के लिए भारत सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) से सूक्ष्म इकाइयों के लिए एक क्रेडिट गारंटी फंड (CGFMU) की भी स्थापना की है।
30 जून 2023 तक और प्रारंभ होने के बाद से 24.34 लाख करोड़ रुपये की राशि के 42.20 करोड़ से अधिक ऋण दिए गए हैं। इसमें से 10.96 लाख करोड़ रुपये की राशि 2900 करोड़ से अधिक ऋण महिला उद्यमियों को प्रदान की गई है। महिलाओं को इन सभी योजनाओं से लाभ मिल रहा है जिससे वे एक ऐसे समाज का निर्माण कर रही हैं जहां पर भेदभाव और असमानता को खत्म किया जा रहा है।