

Kashmir Tulips Garden: नीदरलैंड, स्विटजरलैंड और कई देशों में ट्यूलिप गार्डन दुनियाभर में अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं। भारत में अगर ट्यूलिप गार्डन की बात करें तो कश्मीर की राजधानी श्री नगर का ट्यूलिप भी अब विश्वस्तर पर प्रसिद्ध हो चुका है। लेकिन अब भारत में कश्मीर के अलावा हिमाचल के पालमपुर में भी ट्यूलिप गार्डन देख पाएंगे। पालमपुर में सीएसआईआर- इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी (IHBT) के द्वारा नया ट्यूलिप गार्डन इंट्रोड्यूस करने की तैयारी हो चुकी है।
पालमपुर में ट्यूलिप की खेती टूरिज्म स्पॉट के तौर पर विकसित किया जाएगा। जिसके लिए सीएसआईआर आईएचबीटी के साइंटिस्ट ने रंग-बिरंगे ट्यूलिप्स के 40,000 से अधिक बल्ब की रोपाई की है।
भारत में ट्यूलिप का ट्राइल
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पालमपुर में ट्यूलिप गार्डन विकसित करने वाले सीएसआईआर-आईएचबीटी के फ्लोरीकल्चर विभाग के वैज्ञानिक इस पर कई समय से रिसर्च कर रहे थे।
वैज्ञानिकों के ट्राइल के बाद पालमपुर में भी अलग-अलग वैरायटी के 40,000 ट्यूलिप बल्ब लगे हैं। जहां कश्मीर के ट्यूलिप फ्लावर अप्रैल-मई में खिलते हैं तो वहीं पालमपुर का ट्यूलिप गार्डन फरवरी-मार्च में खिलते हैं।
दूसरी जगहों पर ट्यूलिप गार्डन लगाने की हो रही है तैयारी
सीएसआईआर-आईएचबीटी के साइंटिस्ट के अनुसार कश्मीर, पालमपुर, लाहौल स्पीति और लेह में ट्यूलिप गार्डन पर काम किया जा रहा है। अलग-अलग महीनों में इनकी खूबसूरती देखी जा सकती है।
किसानों को मिलेगी ट्रेनिंग
रिपोर्ट्स के अनुसार विश्व की 80 फीसदी ट्यूलिप अकेले नीदरलैंड में उगते हैं। यहीं पर से पूरी दुनिया में ट्यूलिप का निर्यात होता है। अगर भारत में भी ट्यूलिप गार्डन विकसित किया जाए तो किसानों के लिए अच्छी आय और रोजगार के साधन तैयार हो सकते हैं।
इसीलिए भारत में भी किसानों को ट्यूलिप फ्लावर की व्यावसायिक खेती करने के लिए ट्रेनिंग भी मिल रही है।