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Highlights:
- MSP के लिए समिति बनाएगी सरकार।
- कमेटी में किसान संघों के सदस्य, वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और लाभार्थी शामिल होंगे।
भारत सरकार MSP तय करने के लिएकिसान संघों के प्रतिनिधि, वैज्ञानिक और विशेषज्ञों की मदद सेएक समिति बनाएगी। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में बताया कि MSP कमेटी में किसान संघों के सदस्य, वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और लाभार्थी शामिल होंगे। दरअसल नवंबर 2021 में केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के बाद किसान MSP से जुड़ी मांगे कर रहे थे। यह समिति किसानों की एमएसपी से संबंधित परेशानियों का हल देंगे साथ ही किसानों के
लाभ के लिए सुझाव भी देंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि 2018-19 से पहले ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं था कि MSP को किसानों के लिए लाभकारी बनाया जाए। स्वामीनाथन समिति की अनुशंसा में भी 14-15 अनुशंसाएं इस तरह की थीं जिन्हें जीओएम ने उपयुक्त नहीं पाया। साथ ही अनुसंशा यह भी थी कि MSP पर 50% मुनाफा जोड़कर घोषित किया जाए, जिसे नहीं माना गया। प्रधानमंत्री ने 2018-19 में इस अनुशंसा को स्वीकार किया और अब किसानों कोMSP बढ़कर मिल रही है। पिछले 7 सालों से MSP पर पहले से दोगुने दाम किसानों को दिए गए हैं।
क्या होता है फसलों पर मिलने वाली MSP?
MSP वह मूल्य होता है जिस पर केंद्र सरकार फसलों की एक न्यूनतम कीमत तय करती है, इसे न्यूनतम समर्थनमूल्य कहा जाता है। अगर बाजार में फसल की कीमत कम भी हो तब भी सरकार किसान को MSP के हिसाब से ही फसल का भुगतान करती है। इससे किसानों को अपनी फसल की तय कीमत के बारे में पता चलता है। यह एक तरह की फसल की कीमत की गारंटी है जो सरकार किसानों को देती है। फसलों की MSP कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कॉस्ट्स एंड प्राइसेस तय करता है।
MSP को लेकर क्या है किसानों की मांग?
किसानों की यह मांग है कि सरकार MSP से कम कीमत पर फसल की खरीदी को अपराध घोषित करे और MSP पर सरकारी खरीद लागू रहे। इसके अलावा दूसरी फसलों को भी MSP के दायरे में शामिल किया जाए। ऐसे में एमएसपी के लिए विशेषज्ञों की सलाह परसमिति का गठन किसानों की मांगो को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।