Rice ATM: ओडिशा में सरकार ने एक नई और अनूठी पहल की शुरुआत की है। ओडिशा में अब चावल एटीएम से निकाला जा सकेगा। इस एटीएम को ‘राइस एटीएम’ कहा जा रहा है। ओडिशा के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्रालय ने इस एटीएम की शुरुआत की है। ये भारत का पहला राइस एटीएम है। इस पहल से अब राशन की दुकानों में होने वाली गड़बड़ियां में काफी कमी आएगी।
क्या है ‘राइस एटीएम‘?
‘राइस एटीएम’ एक ऑटोमेटेड मशीन है जो बैंक एटीएम की तरह काम करती है। लेकिन यहां से पैसे निकालने के बजाय, लोग चावल निकाल सकते हैं। इस मशीन को खासतौर पर उन लोगों के लिए शुरु का गया है जो सरकारी राशन की दुकानों से मिलने वाले चावल पर निर्भर करते हैं। कोई भी उपभोक्ता राइस एटीएम से एक बार में 25 किलो चावल निकाल सकते हैं।
कैसे काम करता है ‘राइस एटीएम‘?
राइस एटीएम का उपयोग करना बहुत आसान है, इसके लिए उपभोक्ता को राइस एटीएम में अपना राशन कार्ड का नंबर डालना होगा। इसमें बायोमेट्रिक प्रोसेस को भी शामिल किया गया है जिससे किसी दूसरे के नाम पर धोखाधड़ी ना हो। राज्य शासन द्वारा तय की गई मात्रा ही एक महीने मे इस राइस एटीएम में निकाली जा सकती है। राइस एटीम से चावल निकालने की प्रक्रिया को सरल ही रखा गया है ताकी ग्रामीण इलाकों में भी हर कोई इसे आसानी से उपयोग कर सके।
क्या फायदा होगा?
राइस एटीएम को लगाने के पीछे सबसे पड़ा उद्देश्य है सरकारी राशन की दुकानों में होने वाले भ्रष्टाचार और काला बाजारी को रोकना। सरकार की तरफ से तो राशन दुकानों में पर्याप्त मात्रा में राशन पहुंचाया जाता है लेकिन ये राशन गरीबों तक सही मात्रा और सही समय पर नहीं पहुंच पाता। राइस एटीम 24 घंटे खुला रहेगा इससे गरीब मजदूर परिवार जो दिनभर काम में व्यस्त रहते हैं अपनी सुविधानुसार जाकर किसी भी समय अपने राशन कार्ड का चावल ले सकते हैं।
Positive सार
इस राइस एटीएम के सफल प्रयोग के बाद अब ओडिशा सरकार का लक्ष्य है कि राज्य के सभी जिलों में ‘राइस एटीएम’ स्थापित किए जाएं। इसके साथ ही, अन्य राज्यों में भी इस मॉडल को अपनाने की योजना बनाई जा रही है, ताकि पूरे देश में खाद्य सुरक्षा को मजबूत किया जा सके। यह योजना न केवल गरीबों के लिए भोजन सुनिश्चित करती है, बल्कि एक ऐसा मॉडल प्रस्तुत करती है जिसे पूरे देश में अपनाया जा सकता है। ओडिशा की इस पहल ने टेक्नोलॉजी का उपयोग कर सामाजिक समस्याओं के समाधान का उदाहरण पेश किया है।