

‘इस बजट में सप्तऋषि की तरह सात प्राथमिकताएं हैं।’ ये कहते हुए वित्तमंत्री ने कृषकों के बजट की घोषणा की। उन्होंने इस पर विस्तार से बताते हुए कहा कि, समग्र विकास। यह विकास किसान, महिलाएं, ओबीसी, एससी-एसटी, दिव्यांगजन, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को तक पहुंचनी चाहिए।
बजट में कृषि क्षेत्र के लिए घोषणाएं
20 लाख क्रेडिट कार्ड
केंद्र सरकार ने किसानों की सहूलियत को देखते हुए ऋण का दायरा बढ़ाया है। इस साल 20 लाख करोड़ तक किसानों को क्रेडिट कार्ड के जरिए ऋण बांटने का लक्ष्य तय किया गया है। इससे लाखों किसानों को फायदा मिलेगा।
किसान डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर
किसानों अब सीधे किसान डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म से जुड़ेंग, यहां किसानों के लिए उनकी जरूरत से जुड़ी सारी जानकारी उन्हें मिलेगी।
एग्री स्टार्टअप को बढ़ावा देने जोर
केंद्र सरकार की यह योजना है कि कृषि के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा स्टार्टअप शुरू हो। इसके लिए कृषि स्टार्टअप के लिए डिजिटल एक्सीलेटर फंड बनाया जायेगा। जिसे कृषि निधि का नाम से जाना जाएगा। इसके जरिए कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू करने वालों को सरकार की तरफ से मदद मिलेगी।
मोटे अनाज को बढ़ावा
सरकार ने इस बार मोटे अनाज को बढ़ावा देने पर फोकस कर रही है। जिसके लिए अलग से योजना की शुरुआत की जा रही है। यह योजना श्री अन्न योजना के नाम से कम करेगा। इस योजना के जरिए देशभर में मोटे अनाज के उत्पादन और उसकी खपत को बढ़ावा मिलेगा।
बागवानी के लिए कदम उठा रही सरकार
सरकार ने इस बार के बजट में बागवानी की उपज के लिए 2,200 करोड़ की राशि देने का फैसला किया है।इसके जरिए बागवानी को बढ़ावा दिया जाएगा।
मछली पालन से मिलेंगे से के नए साधन
केंद्र सरका मत्स्य संपदा की नई उपयोजना में 6000 करोड़ के निवेश करें। इसके जरिए मछुआरों को बीमा कवर, वित्तीय सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी दी जा रही है। इसका उद्देश्य ग्रामीण संसाधनों का उपयोग करके ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है।
सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना
2,516 करोड़ रुपये के निवेश से 63,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का कम्प्यूटरीकरण हो रहा है। इनके लिए राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार हो रहा है, इसके साथ बड़े पैमाने पर विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता स्थापित की जाएगी, इससे किसानों को अपनी उपज को स्टोर होगी। जिससे अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद किसानों को मिलेगी। सरकार अगले 5 वर्षों में वंचित गांवों में बड़ी संख्या में सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना करने का प्लान कर रही है।
प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को मिलेगी मदद
आने वाले 3 वर्षों में सरकार एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए मदद मुहैया कराएगी। देश में 10,000 जैव इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित करने की दिशा में काम किया जा रहा है है।
इसके आलावा भी कृषि को बढ़ावा देने के लिए वित्तमंत्री ने कई बड़ी घोषणाएं की है जिनमें शामिल है |