साल 2022 की शुरूआत वैसे तो कई उतार-चढ़ाव भरा रहा, जहां एक तरफ प्राकृतिक आपदाओं की वजह से कृषि प्रभावित हुई तो वहीं किसान आंदोलन की वजह से खेती को काफी नुकसान हुआ।पर कोरोना महामारी के दौरान जिस तरह से कृषि के क्षेत्र ने भारत की अर्थव्यवस्था को थामे रखा उसे भुलाया नहीं जा सकता है। यही वजह है कि भारत सरकार और राज्य सरकारों को मिलकर कृषि के क्षेत्र को और भी ज्यादा सशक्त बनाने कि दिशा में काम किया। आज भारतीय कृषि दुनिया के लिए एक मिसाल बनकर खड़ी है। खेती में तकनीकों का बेहतर इस्तेमाल और राज्य सरकार की योजनाओं ने साल 2022 में किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के साथ ही कृषि के नए आयाम भी तय किए।
किसानों के लिए सरकार ने बढ़ाया बजट
2022-23 में कृषि और परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए बजट आवंटन को बढ़ाकर 1,24,000 करोड़ रुपये किया गया। जबकि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में संशोधित अनुमान 118257.69 करोड़ रुपए तक था।
खाद्यान्न और बागवानी उत्पादन में किसानों ने पेश की मिसाल
साल 2022 खाद्यान और बागवानी के लिए उत्कृष्ट रहा। दरअसल 2022 के जनवरी में भारत में खाद्यान्न उत्पादन 308.65 मिलियन टन था जो दिसम्बृर तक बढ़कर 315.72 मिलियन टन तक पहुंचा। यह 2020-21 की तुलना में 4.98 मीट्रिक टन अधिक है।
यही नहीं 2021-22 के दौरान उत्पादन पिछले पांच सालों (2016-17 से 2020-21) के औसत खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 2.5 करोड़ टन में भी अधिक है।
टेक्नॉलजी ने भारतीय कृषि को दी वैश्विक पहचान
कृषि के क्षेत्र में मशीनरी के उपयोग ने किसानों के लिए रास्ते और आसान कर दिए। ड्रोन के माध्यम से इस साल पहाड़ी क्षेत्रों में परिवहन का काम किया गया। थ्रेसर मशीन, उद्यानिकी मशीनरी, सिंचाई के नए तकनीकों ने किसानों के लिए आसान राहें खोली। यही नहीं सरकार के द्वारा किसानों को दी जा रही सब्सिडी ने किसानों के उत्साह और ऊर्जा को भी बढ़ाने का काम भी किया।
उत्पादन लागत का डेढ़ गुना MSP हुआ तय
केंद्र सरकार ने साल 2018-19 से अखिल भारतीय औसत उत्पादन लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत लाभ के साथ सभी अनिवार्य खरीफ, रबी और अन्य वाणिज्यिक फसलों के लिए न्यूतनतम समर्थन मूल्यं को बढ़ाया है। सरकार के इस कदम से किसानों को काफी लाभ मिला।
यही नहीं देश में खरीफ मार्केटिंग सीजन 2022-23 के तहत धान की MSP को 1,940 रुपये से बढ़ाकर 2,040 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इसके अलावा धान की ‘ए’ ग्रेड किस्म का समर्थन मूल्य 1,960 रुपये से बढ़ाकर 2,060 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया। अब पिछले साल के मुकाबले धान की एमएसपी ज्यादा है।
PM किसान योजना से किसानों की बढ़ी आय
इस योजना के तहत किसानों को तीन समान किस्तों में हर साल 6000 रुपये मिलते हैं। सरकार की इस योजना में, जनवरी 2022 में 11.74 करोड़ से ज्यादा किसानों को 1.82 लाख करोड़ रुपये जारी हुए जबकि दिसंबर 2022 तक 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को अब तक 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक जारी किए गए हैं।
कृषि क्षेत्र के लिए किसानों को दिया गया संस्थागत ऋण
कृषि के क्षेत्र में किसानों को आर्थिक जरूरत के लिए परेशान होना न पड़े इसलिए सरकार ने संस्थागत ऋण को इसी साल 2022 के शुरुआत यानी जनवरी, 2022 में 16.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर दिसंबर, 2022 18.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया।
जैविक खेती को मिला बढ़ावा
जैविक उत्पादों के लिए भी यह साल काफी महत्वपूर्ण रहा। जैविक खेती की वैश्विक और घरेलू डिमांड को पूरा करने के लिए सरकार भी जैविक खेती को बढ़ावा दिया। केमिकल रहित खेती के नुकसानों को समझकर किसान भी आगे से जैविक खेती की तरफ ध्यान दे रही है।
इसके अलावा इस साल किसानों के लिए कई योजनाएं लाई गई जिनसे भी किसान आर्थिक रूप से सशक्त हुए जिनमें शामिल हैं..
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
प्रधानमंत्री कुसुम योजना
राष्ट्रीय कृषि बाजार या ई-नाम
राष्ट्रीय बागवानी मिशन
डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस)