साल 2023 को मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। यही वजह है कि मोटे अनाज के बारे में लोगों में जागरुकता फैलाने और बढावा देने के लिए अंतराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष सेलीब्रेट किया जा रहा है। भारत ही नहीं पूरे विश्व में तमाम कार्यक्रम इसके लिए आयोजित किए जा रहे हैं। इस मिशन को सफल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक खास पहल की है। जिसे ‘पुष्टाहार” के नाम से जाना जा रहा है। प्रदेश सरकार मिलेट्स यानी ‘श्री अन्न’ के प्रति जागरुकता को बढ़ाने की दिशा में सराहनीय कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार द्वारा वित्त पोषित ‘उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम’ के माध्यम से श्री अन्न के प्रति लोगों में जागरुकता लाने के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाई गई है।
कार्य योजना तैयार
इसके लिए न केवल मिलेट्स से बनने वाली रेसिपीज को बढ़ावा मिलेगा बल्कि उनके बारे में जागरुकता भी फैलाई जाएगी। इसके अंतर्गत अब तक मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने के लिए काफी प्रयास हुए हैं और अब प्रदेश वृहद स्तर पर आमजन द्वारा प्रयोग में लाए जाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार का सहारा ले रही है। प्रदेश के सभी जिलों में उपभोक्ता जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन तो हो ही रहा है साथ ही इसे छात्रों के करिकुलम में भी शामिल किया जा रहा है।
मिलेट्स निर्यात में भारत अव्वल
हमारे लिए ये गर्व की बात है कि भारत विश्व में मिलेट्स निर्यात के लिहाज से दूसरे नंबर पर काबिज है। साथ ही केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना ये भी है कि भारत को आगामी वर्षों में ‘नंबर वन मिलेट्स एक्सपोर्टर कंट्री’ के रूप में पहचान मिले। ऐसे में, देश के फूड बास्केट के तौर पर विख्यात प्रदेश भी एक बड़ी और सकरात्मक भूमिका का निभा सकती है।
किसानों को मुफ्त बीज मिनीकिट
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कृषि विभाग द्वारा 01 फरवरी 2023 से प्रदेश भर में मिलेट्स की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने का व्यापक अभियान चल रहा है। जिसमें किसानों को मुफ्त बीज मिनीकिट दी गई है। समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापनों के जरिए भी मिलेट्स के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाया जा रहा है।
स्कूली छात्रों को किया जाएगा जागरूक
मिलेट्स को बढ़ावा देने के स्कूली स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। मुख्य तौर पर स्कूली छात्र-छात्राओं, अभिभआवकों व शिक्षकों को जागरूक इसके तहत जागरूक किया जाएगा। मिलेट्स के गुणों के प्रति जागरुकता लाने के लिए शैक्षणिक करिकुलम में भी इसे शामिल किए जाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।