Highlights:
- असम के चाय विक्रेता ने पास की नीट परीक्षा
- दिल्ली के एम्स में मिला प्रवेश
- राज्य सरकार वहन करेगी पढ़ाई का खर्च
एक खूबसूरत पंक्ति है कि “एक दिन वर्षों का संघर्ष बहुत खूबसूरत तरीके से तुमसे टकराएगा।” यानि कि अगर आप अपने सपनों के लिए लगातार प्रयासरत हैं तो आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता है। इस बात को पूरी तरह से सही साबित करती है असम के एक चाय बेचने वाले युवा राहुल दास की कहानी। राहुल ने 24 साल की उम्र में अपने पहले प्रयास में ही नीट की परीक्षा पास की है और अब वह दिल्ली एम्स में दाखिला ले रहे हैं। असम सरकार ने यह घोषणा की है कि वह राहुल की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएगी।
कौन हैं राहुल दास?
राहुल दास असम के बजली जिले के रहने वाले हैं। राहुल की मां सिंगल मदर हैं और वह अपने दो बच्चों की देखभाल अकेले करती हैं। उनकी आजीविका का साधन चाय की दुकान ही है। राहुल ने 12वीं के बाद अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ी दी थी और दुकान पर अपनी मां के साथ चाय बनाने, परोसने जैसे काम करते हैं।
आसान नहीं था यहां तक का सफर
राहुल ने भले ही पढ़ाई छोड़ी थी लेकिन डॉक्टर बनने का सपना नहीं छोड़ा था। उन्होंने अपनी मां के संघर्षों को देखा और काम के साथ ही पढ़ाई को जारी रखने का फैसला किया। उन्होंने प्लास्टिक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया और गुवाहाटी में एक मल्टी-नेशनल कंपनी में ‘क्वालिटी इंजीनियर’ के रूप में काम करना शुरू किया। पर अपनी नौकरी से राहुल संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने नौकरी छोड़ पढ़ाई करने की ठानी।
राहुल ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके चचेरे भाई एक डेंटल सर्जन हैं और वही उनकी प्रेरणा बनें। राहुल ने ऑनलाइन उपलब्ध संसाधनों से पढ़ाई की और उनके सहारे नीट (NEET) की तैयारी शुरू कर दी। अपने पहले ही प्रयास में राहुल ने नीट की परीक्षा पास कर ली। राहुल की यह कहानी काफी प्रेरणादायी है और ऐसे बहुत से युवाओं को प्रेरित करेगी जो अपने लक्ष्यों और परेशानियों के बीच उलझ कर रह जाते हैं।