टोक्यो
ओलंपिक 2020 में भारत ने अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया। 7 मेडल के साथ
भारत पदक तालिका में 48वें स्थान पर रहा। जिसमें 1 गोल्ड, 2 सिल्वर और 4 ब्रॉज
मेडल शामिल हैं। इस साल के ओलंपिक में भले ही हमने मेडल में 10 का आंकड़ा पार नहीं
किया हो लेकिन भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया कि आने वाला कल
भारतीयों का है। और पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए हमारी तैयारी पूरी है।
हॉकी
में टूटा 41 सालों का अंतराल
भारतीय
हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर 41 साल के लंबे इंतज़ार को खत्म किया।
इसके पहले भारतीय हॉकी टीम ने आखिरी बार 1980 के ओलंपिक में गोल्ड पदक जीता था। भारतीय
टीम कई वर्षों के बाद ओलंपिक हॉकी सेमीफ़ाइनल में पहुंची और वर्ल्ड नंबर-1 और
टोक्यो में चैंपियन बनी बेल्जियम को कड़ी टक्कर देने के बाद हारी। कांस्य पदक के लिए
भारतीय टीम ने जर्मनी को हराकर मैच जीता। इस जीत के साथ अब भारत के पास ओलंपिक
हॉकी में आठ स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य
पदकों समेत 12 मेडल हो गए हैं।
13
साल बाद भारत को मिला स्वर्ण पदक
भारतीय
जैवलीन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने गोल्ड पदक जीतकर भारतीय एथलेटिक्स में इतिहास के नए
पन्नों को जोड़ दिया है। उन्होंने 87.58 मीटर जैवलिन थ्रो (भाला फेंक) कर स्वर्ण
पदक जीता। नीरज ने इसी साल इंडियन ग्रॉ प्री-3 में 88.07 मीटर जैवलिन थ्रो के साथ
अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा था। लिस्बन में हुए मीटिंग सिडडे डी लिस्बोआ
टूर्नामेंट में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। अब नीरज का लक्ष्य 90 मीटर जैवलिन
थ्रो करने का है। नीरज से पहले 2008 के बीजिंग ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफ़ल के
व्यक्तिगत स्पर्धा में अभिनव बिंद्रा गोल्ड जीते थे। तब वह भारत के एकमात्र स्वर्ण
पदक विजेता थे।
वेटलिफ्टिंग
में भारत का पहला ओलंपिक सिल्वर
भारत
को ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग का पहला पदक कर्णम मल्लेश्वरी ने सिडनी ओलंपिक 2000 में
दिलाया था। उन्होंने कांस्य पदक जीता था। 21 साल बाद टोक्यो ओलंपिक में सायखोम
मीराबाई चानू ने पदक का रंग बदल दिया। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल
जीतकर पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया। 49 किग्रा के वर्ग में मीरा बाई
चानू ने कुल 202 किलो (87 किलो + 115 किलो) भार उठाकर ओलंपिक पदक हासिल किया।
रवि
दहिया ने जीता सिल्वर
भारत
को टोक्यो ओलंपिक में दूसरा पदक रवि दहिया ने दिलवाया। रवि दहिया ने 57 किग्रा
फ्री स्टाइल कुश्ती के फाइनल में दुनिया में दूसरे नंबर के रूसी ओलंपिक समिति के
पहलवान जावुर युगुऐव को कड़ी टक्कर दी। रवि कुमार दहिया ओलंपिक में रजत जीतने वाले
दूसरे पहलवान हैं। उनसे पहले सुशील कुमार ने 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीता
था।
बजरंग
पूनिया
पहली
बार ओलंपिक खेल रहे बजरंग पूनिया ने 65 किग्रा फ्री स्टाइल कुश्ती में कांस्य पदक
जीता। उनका सेमीफाइनल में मुकाबला कज़ाख़स्तान के दौलेत नियाज़बेकोव से हुआ था।
जिससे उन्हें 8-0 से हार मिली लेकिन उनके खेल ने यह साबित किया कि आने वाले पेरिस
ओलंपिक में वह स्वर्ण पदक के उम्मीदवार होंगे।
पीवी
सिंधु
पीवी
सिंधु दो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। पीवी सिंधु ने टोक्यो
ओलंपिक में कांस्य पदक जीता है। सिंधु को सेमीफाइनल में वर्ल्ड नंबर-1 ताई जू यिंग
से हार मिली। इसके बाद सिंधु ने क्वार्टरफाइनल में जापान की अकाने यामागुची को
हराकर सेमी फाइनल में जगह बनाई थी।
लवलीना
बोरगोहेन
असम
के गोलाघाट जिले की लवलीना ने बॉक्सिंग में भारत को कांस्य पदक दिलाया। बॉक्सिंग
में ओलंपिक पदक हासिल करने वाली वह तीसरी भारतीय खिलाड़ी हैं।
इन
खिलाड़ियों के अलावा टोक्यो ओलंपिक में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी उभरे जिनके खेल ने पूरी
दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। ओलंपिक में भारत की तरफ से पहली बार
तलवारबाजी करने वाली भवानी देवी, वुमेंस गोल्फ में चौथे स्थान पर रहने वाली अदिति
अशोक, डिस्कस थ्रो का फाइनल खेलने वाली कमलजीत कौर इन सभी खिलाड़ियों ने यह साबित
किया है, कि आने वाले ओलंपिक गेम्स में इन खेलों में हम भारतीयों का वर्चस्व
स्थापित होगा।