

हाल ही में युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने संसद में उत्तर-पूर्व क्षेत्र में खेल बुनियादी सुविधाओं के बारे में बातचीत की। उन्होंने ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ पर बात करते हुए कहा कि ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ यानी पूर्व में कार्रवाई में बदलाव के साथ, केंद्र सरकार ने उत्तर-पूर्व क्षेत्र में खेल के बुनियादी ढांचे पर विशेष बल और प्रोत्साहन देने का काम किया है। इसके अंतर्गत मणिपुर 643.34 करोड़ रुपये की कुल स्वीकृत लागत के साथ देश का पहला राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय बनाया जाएगा।
2018 में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय, मणिपुर की स्थापना हुआ थी। विश्वविद्यालय वर्तमान में इम्फाल के खुमान लैंपक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में अपने अस्थायी परिसर से कार्यरत है। इसी के स्थाई परिसर के लिए 643.34 करोड़ रुपये अलॉट किए गए हैं।
1000 खेलो इंडिया केंद्र को समर्पित
देश का पहला राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय, मणिपुर के लिए 643.34 करोड़ रुपये की कुल स्वीकृत लागत आवंटित है। वहीं इसी साल वर्ष 1000 खेलो इंडिया केंद्र देश को समर्पित होंगे। जिनमें से 227 खेलो इंडिया केंद्र उत्तर-पूर्व में स्थापित होने वाले हैं। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि मंत्रालय ने 520.60 करोड़ रुपये की संयुक्त स्वीकृत लागत पर 75 खेल बुनियादी ढांचा प्रोजेक्ट्स को स्वीकृति दी है। इसके अलावा 3 राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र, 12 भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) प्रशिक्षण केंद्र और 22 खेलो इंडिया मान्यता प्राप्त खेल अकादमियां उत्तर-पूर्वी राज्यों में पहले से काम कर रहे हैं।
पूर्वोत्तर में खेलों को मिल रहा बढ़ावा
खेलो इंडिया योजना के अंतर्गत उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में जमीनी स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेलो इंडिया केंद्रों में कई चैंपियन पूर्व-एथलीटों की सेवाओं का इस्तेमाल हो रहा है। नागालैंड राज्य में खेल सुविधाओं के बारे में उन्होंने खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार व्यवहार्यता गैप फंडिंग के माध्यम से राज्यों में खेलों के विकास का समर्थन करने के लिए जरूरी कोशिश कर रही है। वहीं जहां भी जरूरी होगा राज्यों को मदद भी दी जाएगी। सभी एथलीटों को मिल रहे समान अवसर, सुविधा और उपचार |

