

R Praggnanandhaa: भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रगनानंद ने हमवतन अर्जुन एरिगैसी को सडन डेथ टाईब्रेकर में 5-4 से हराकर फिडे विश्वकप शतरंज के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है। 17 साल के प्रगनानंद सेमीफाइनल में अमेरिका के फैबियानो कारूआना से मुकाबला करेंगे। इस जीत के बाद अब उनके पास अगले साल होने वाले कैंडिडेट टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने का मौका है।
पहले भारतीय जिन्होंने सेमी फाइनल में किया है प्रवेश
प्रगनानंद ने सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद अपने लिए कैंडिडेट टूर्नामेंट जगह लगभग तय कर ली है। क्योंकि ऐसा कहा जा रहा है कि विश्व के नंबर एक खिलाड़ी मैगनस कार्लसन इस प्रतियोगिता का हिस्सा नहीं बनेंगे। भारत की तरफ से अभी तक पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ही कैंडिडेट प्रतियोगिता शामिल हुए हैं। मैराथन क्वार्टरफाइनल को 5-4 से जीतने के बाद आर प्रगनानंद 2002 में विश्वनाथन आनंद के बाद टूर्नामेंट के अंतिम चार में प्रवेश करने वाले पहले भारतीय के रूप में काबिज हो गए हैं।
कैसा रहा मैच?
टाई ब्रेकर की पहली बाजी प्रगनानंद ने जीती थी। लेकिन एरिगैसी ने अगली बाजी जीतकर शानदार वापसी कर ली। प्रज्ञान ने इसके बाद तीसरी तो एरिगैसी ने चौथी बाजी जीती जिससे मुकाबला सडन डेथ में आ गया।
बता दें कि मैग्नस कार्लसन अगर अपनी बात पर कायम रहते हैं, तो वह आठ खिलाड़ियों के टूर्नामेंट कैंडिडेट्स में जगह बनाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ियों में से एक बन जाएंगे, जो विश्व शतरंज चैंपियनशिप के लिए चुनौती देने वालों का फैसला करता है।
कौन हैं प्रगनानंद?
प्रगनानंद का पूरा नाम रमेशबाबू प्रगनानंद है। इनका संबंध तमिलनाडू से हैं। उन्होंने सात साल की उम्र में ही वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप अपने नाम की थी। नौ साल की उम्र में अंडर-10 टाइटल जीतने वाले आर. प्रगनानंद दुनिया के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बनने वाले पांचवे खिलाड़ी हैं। उन्हें साल 2018 में ग्रैंडमास्टर का दर्जा मिला था। 2018 में प्रगनानंद की उम्र 12 साल 10 महीने और 13 दिन थी। प्रगनानंद कार्लसन को हराने वाले तीसरे भारतीय शतरंज खिलाड़ी हैं। उनसे पहले कार्लसन को केवल विश्वनाथन आनंद और पी हरिकृष्णा ने ही हराया है।

