

• राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद को मिली डॉक्टरेट की मानद उपाधि
• श्री सत्य साई यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस ने किया सम्मान
• भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच हैं पुलेला गोपीचंद
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने 3 जुलाई को गोपीचंद सहित चार अन्य प्रतिष्ठित भारतीयों को राष्ट्र निर्माण में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित किया। एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार गोपीचंद पुलेला ने कहा, “भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू के हाथों डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया जाना एक बड़ा सम्मान है।”
भारत के उत्कृष्ट खिलाड़ी हैं पुलेला गोपीचंद
एक बैडमिंटन खिलाड़ी के रूप में पुलेला गोपीचंद का करियर काफी शानदार रहा। उन्होंने 2001 में ऑल इंग्लैंड बैडमिटन चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रचा था। वे प्रकाश पादुकोण के बाद ऐसा करने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने थे। पुलेला को 1998 में अर्जुन अवॉर्ड, 2009 में द्रोणाचार्य अवॉर्ड और 2014 में पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाले दूसरे भारतीय और पूर्व ओलंपियन के रूप में उनकी प्रतिष्ठित पहचान है। उन्होंने साइना नेहवाल और पीवी सिंधु जैसे खिलाड़ियों को तैयार किया है।
साल 2001 में प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप में गोपीचंद की जीत भारत के लिए यादगर पल के रूप में स्थापित है। 1996 से वह लगातार पांच साल तक भारतीय नेशनल बैडमिंटन चैंपियन रहे और पुरुष टीम और पुरुष एकल में 1998 के राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए रजत और कांस्य पदक हासिल किया। अपने आक्रामक खेल के लिए पुलेला प्रसिद्ध हैं, उन्होंने सिडनी 2000 में अपनी एकमात्र ओलंपिक उपस्थिति दर्ज कराई। अपने घुटने के ऑपरेशन के बाद पुलेला ने खेल से सन्यास लेकर बैडमिंटन अकादमी खोला और अब वे नई पीढ़ी को बैडमिंटन के लिए तैयार कर रहे हैं।

