विश्व चैंपियन बन चुका है भारत, भारतीय महिला मुक्केबाज रच रही हैं इतिहास!


महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारत ने चार स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। पहले एम सी मैरिकॉम, निकहत जरीन, लवलीना बोरगोहेन और अब नीतू घनघास ने विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतकर ये साबित कर दिया है कि भारत विश्व चैंपियन है और आगे भी रहेगा। नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित इस टूर्नामेंट में भारतीय महिला मुक्केबाजों ने स्वर्णिम अध्याय गढ़ दिया है। दरअसल, विश्व चैंपियनशिप में भारतीय मुक्केबाजों ने 48, 50, 75 और 81 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक भारत के नाम किया है। स्वर्णिम जीत की शुरुआत नीतू घनघास ने 45-48 किग्रा भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर की। इसके बाद महिला मुक्केबाजों के शानदार गोल्डन पंच ने भारत को पदक तालिका में सबसे ऊपर पहुंचा दिया है।

17 साल में दूसरी बार यह मौका

विश्व चैंपियनशिप के 2023 संस्करण में भारत चार के साथ स्वर्ण पदक तालिका में सबसे ऊपर है। जिसके बाद चीन का नंबर है। 17 साल में यह दूसरी बार है जब भारत ने इस टूर्नामेंट में चार स्वर्ण पदक जीते हैं। अपने शानदार प्रदर्शन से भारतीय मुक्केबाजो नें 17 साल के बाद यह बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इससे पहले 2006 में एमसी मैरी कॉम, सरिता देवी, जेनी आरएल और लेखा केसी ने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वर्ण पदक जीतने वाले मुक्केबाजों को बधाई दी है।

निकहत जरीन दूसरी बार विश्व चैंपियन

निकहत जरीन ने इस चैंपियनशिप में 50 किग्रा वर्ग के शिखर मुकाबले में वियतनाम की गुयेन थी टैम को हराकर अपने नाम दूसरा विश्व चैंपियनशिप किया है। उन्होंने केडी जाधव इंडोर हॉल में घरेलू दर्शकों के सामने लाइट फ्लाईवेट खिताब हासिल करने के लिए दो बार की एशियाई चैंपियन गुयेन थी टैम को 5-0 के अंतर से हराया है। इस जीत के बाद निकहत जरीन दो बार प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का खिताब जीतने वाली दिग्गज एमसी मैरी कॉम के बाद दूसरी भारतीय हैं। उनसे पहले छह बार की चैंपियन मैरी कॉम ने 2002, 2005, 2006, 2008, 2010, 2018, सरिता देवी 2006, जेनी 2006 और लेखा केसी 2006 ने विश्व चैंपियनशिप जीती थी।

लवलीना और नीतू का भी बेहतरीन प्रदर्शन

भारत को चार पदकों के साथ अंक तालिका शीर्ष पर लाने में भारतीय मुक्केबाजों का संघर्ष और बेहतरीन प्रदर्शन शामिल है। टोक्यो ओलंपिक मुक्केबाजी पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन ने 75 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में ऑस्ट्रेलिया की कैटलिन पार्कर को हराया और स्वर्ण पदक जीता। यह विश्व चैंपियनशिप में लवलीना बोरगोहेन का पहला गोल्ड मेडल है। इससे पहले नीतू घनघास (48 किग्रा) और अनुभवी स्वीटी बूरा (81 किग्रा) को शनिवार को टूर्नामेंट में जीत हासिल कर विश्व चैंपियन भारत के नाम किया।


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Dr. Kirti Sisodia

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