

भारत के होनहार शतरंज चैंपियन माधवेंद्र प्रताप शर्मा किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। नौ साल वर्षीय माधवेंद्र ने 21 अक्टूबर 2022 को इंडोनेशिया के बाली में हुए एशियन अंडर-10 शतरंज में तीन अवार्ड अपने नाम किए हैं। माधवेंद्र ने रैपिड, स्टेंडर्ड और ब्लिट्स तीनों विधाओं में 22 देशों के खिलाड़ियों का हराया और गोल्ड मेडल की हैट्रिक लगा दी।
वहीं माधवेंद्र ने अप्रैल के महीने में जम्मू में आयोजित ऑल इंडिया चेस फेडरेशन के नेशनल टूर्नामेंट में में भी अपने खेल का शानदार प्रदर्शन किया। जहां उन्होंने इंडोनेशिया के लिए क्वालिफाई किया था।
माधवेंद्र ने अब तक 1630 रेटिंग पॉइंट हासिल किए हैं। बता दें एक इंटरनेशनल मास्टर बनने के लिए 2400 और ग्रैंड मास्टर बनने के लिए 2500 अंकों की आवश्यक्ता होती है। अगर उनकी यही रफ्तार रही तो माधवेंद्र जल्दी ही भोपाल शहर के पहले इंटरनेशनल मास्टर और ग्रैंडमास्टर बन जाएंगे। माधवेंद्र के खेल की बात तो हो गई पर एक अखबार में उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में काफी कुछ लिखा है। जानते हैं क्यों खास हैं भारत के उभरते शतरंज खिलाड़ी माधवेंद्र…
एक खिलाड़ी के रूप में माधवेंद्र की काफी उपलब्धि है। लेकिन इसके अलावा वे अपनी पढ़ाई पर भी खासा ध्यान देते हैं। माधवेंद्र भोपाल के सेंट जेवियर स्कूल के भी छात्र हैं। छोटी सी उम्र में ही उनकी अचीवमेंट की लिस्ट काफी लंबी है।
शतरंज के लिए दादा हैं प्रेरणा
माधवेंद्र ने शतरंज का हुनर अपने दादा ओमप्रकाश से सीखा। दरअसल उनके दादा अपने मोहल्ले में दोस्तों के साथ शतरंज का खेल खेलते थे। उन्हीं को देखकर माधवेंद्र ने साढ़े 4 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया। छोटी सी ही उम्र में माधवेंद्र ने छोटे-बड़े 200 टूर्नामेंट खेले लिए हैं।
अवार्ड्स की लिस्ट में गोल्ड और सिल्वर शामिल
आठ साल की उम्र से ही माधवेंद्र ने अवार्ड्स जीतना शुरू कर दिया। उन्होंने नेशनल चेस चैंपियनशिप अंडर-8 का खिताब अपने नाम किया और इससे पहले उन्होंने पहली बार 5 साल की उम्र में जीत हासिल की थी। माधवेंद्र वेस्टन एशियन चैंपियनशिप (स्टैंडर्ड व रैपिड) में गोल्ड और सिल्वर भी अपने नाम कर चुके हैं।
प्रोफेशनल्स दे रहे हैं शतरंज की ट्रेनिंग
माधवेंद्र शतरंज के प्रति काफी डेडीकेटेट हैं। इन दिनों वे शतरंज की प्रोफेशनल ट्रेनिंग भी ले रहे हैं। उन्हें ग्रैंड मास्टर दिल्ली के श्रीराम झा ऑनलाइन शतरंज की ट्रेनिंग दे रहे हैं। साथ ही माधवेंद्र आईएम अनूप देशमुख और अक्षत कपाड़िया से भी खेल की बारीकियों को सीख रहे हैं।
खेल के साथ पढ़ाई में अव्वल हैं माधवेंद्र
माधवेंद्र शतरंज के खेल में तो मास्टर हैं, साथ ही वे पढ़ाई में भी आगे हैं। उन्होंने खेल और स्टडी में टाइम मैनेजमेंट किया है। स्कूल से आने के बाद वे रोज 2 घंटे अपनी पढ़ाई को देते हैं। जिसके बाद 4 घंटे शतरंज की प्रैक्टिस में अपना समय देते हैं।
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