

भारत की उड़न परी के नाम से मशहूर भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) की प्रेसिडेंट पीटी ऊषा ने 9 फरवरी को सभापति तथा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की गैर-मौजूदगी में राज्यसभा की अध्यक्षता संभाली। पीटी उषा ने इसका एक वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया है। उन्होंने इस पल को गौरवपूर्ण बताते हुए आशा जताई कि वह इसे मील का पत्थर साबित के रूप में साबित करेंगी।
बता दें कि वे पिछले साल दिसंबर में राज्यसभा के उपसभापतियों के पैनल में शामिल हुई थीं। वे पैनल का हिस्सा बनने पहली मनोनीत सांसद बनीं थीं, जो सभापति और उपसभापति के मौजूद नहीं रहने पर सदन की कार्यवाही का संचालन कर सकती है।
पीटी ऊषा भारत की स्टार रनर हैं। जुलाई 2022 में उन्हें राज्यसभा सांसद के रूप में मनोनीत किया गया था। वहीं नवंबर 2022 में उन्हें IOA का प्रेसिडेंट के रूप में नियुक्ति मिली थी।
अधिकार बड़े होते हैं, तो जिम्मेदारियां भी बड़ी होती है…पीटी उषा
पीटी ऊषा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा है- फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट ने कहा था… जब अधिकार बड़े होते हैं, तो जिम्मेदारी भी बड़ी हो जाती है। इसे मैंने तब महसूस किया, जब मैंने राज्यसभा की अध्यक्षता किया। मेरे अपने लोगों ने मुझपर विश्वास किया। विश्वास और आस्था के साथ यह सफर करते हुए मैं उम्मीद करती हूं कि इसे मील का पत्थर साबित कर सकूंगी।
देश की उड़न परी हैं पीटी ऊषा
पीटी ऊषा एक स्प्रिंटर थीं। उन्होंने वर्ल्ड लेवल के एथलेटिक इवेंट्स में भारत का नाम रोशन किया। 1984 के दौरान लॉस एंजिल्स ओलिंपिक्स में उन्होंने 400 मीटर हर्डल में चौथा स्थान पाया था। एशियन गेम्स में 4 और एशियन चैंपियनशिप उन्होंने 14 गोल्ड मेडल जीते हैं। उन्हें देश की उड़न परी के नाम से जाना जाता है। 1985 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया।
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