केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना में संशोधन किया गया है। जिसके तहत अब बालिकाओं को अधिक से अधिक गैर परंपरागत विषयों की शिक्षा दी जाएगी। साथ ही माध्यमिक शिक्षा में उनके नामांकन को बढ़ाने पर भी सरकार काम करने वाली है। वहीं सरकार अपनी इस योजना के तहत मासिक धर्म संबंधी स्वच्छता और बाल विवाह की रोकथाम के बारे में बच्चियों को जागरूक करने की दिशा में नए पहल करेगी।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने दी जानकारी
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने इसके बारे में बात की, उन्होंने कहा कि, बेटी बचाओ बेटी पढाओ को बढ़ावा देने के लिए एनटीएल में कौशल को एक घटक कार्यक्रम के रूप में लाया गया है। इस पहल के जरिए बालिकाओं को गैर-पारंपरिक व्यवसायों में कौशल प्रशिक्षण मिलेगा। ताकि वे महिलाओं के नेतृत्व वाले आत्मानिर्भर भारत (आत्मनिर्भर भारत) को बल दे सकें।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि देश के बाल आश्रय गृहों- सीसीयू में रहने वाली बालिकाएं भी गैर परंपरागत विषयों की पढ़ाई के साथ कौशल विकास में निपुण होंगी। इसके लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय नवंबर इस कार्यक्रम को शुरू करेंगी। जिसके तहत देशभर के सभी सात हजार सीसीयू में इसकी होगी। वहीं,
साथ ही महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम के तहत अल्पसंख्यक और कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापनों पर साइन किये हैं। इसके तहत बालिकाओं को अधिक से अधिक गैर परंपरागत विषयों की शिक्षा के लिए प्रेरित करने के लिए काम होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, “एक आत्मनिर्भर राष्ट्र की परिकल्पना तभी साकार होगी, जब महिलाएं सक्षम और आत्मनिर्भर होंगी। उन्होंने कहा आजीविका के आधुनिक संसाधनों ने लिंग भेद को खत्म किया है। महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिए स्वतंत्र हैं।