Born To Win: तेलंगाना के जंगांव जिले में स्थित घनपुर मंडल की ग्रामीण महिलाएं घर से बाहर निकलकर एक रचनात्मक कहानी लिख रही हैं। दरअसल ये महिलाएं किनोवा, ज्वार और बाजरा की अन्य किस्मों को बेचने वाली खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में काकतीय महिला मैक लिमिटेड के साथ काम कर रही हैं साथ ही एक सफल व्यवसाय का संचालन कर रही हैं। वर्तमान में इसमें 500 से अधिक महिलाएं हाथ से काम कर रही हैं।
इस काम के साथ महिलाए स्वावलंबी तो हो रही हैं साथ ही ऐसी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को खोलने और काम करने के लाभों के बारे में दूसरों के बीच जागरूकता फैला रही हैं। 8 मार्च, 2021 को महज छह सदस्यों के साथ एक छोटे से प्रतिष्ठान के रूप में इसकी शुरूआत हुई थी। लेकिन इन महिलाओं के काम से अब पूरे जिले से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक इस खाद्य प्रसंस्करण की पहली इकाई 2 लाख रुपये की लागत से स्थापित की गई थी। लेकिन वर्तमान में कुल 5,000 लोग इसमें जुड़े हैं। इस संस्थान के एक सदस्य कहते हैं कि “कोविड के प्रकोप के बाद, पौष्टिक भोजन की मांग आसमान छूने लगी थी। बाजरा आहार फाइबर में भी समृद्ध है। इसे ध्यान में रखते हुए, हमने जैविक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने का निर्णय लिया और इस पहल के लिए छह महिलाओं को शामिल किया। अब, इन खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में कम से कम 500 महिलाएं काम कर रही हैं। वर्तमान में हम बाजरे की किस्में जैसे फिंगर (रागुला), सोरघम (जोन्ना) और फॉक्सटेल (कोर्रा) सीधे किसानों से खरीदते हैं। कंपनी किसानों से तीन टन बाजरे की खरीद पर हर महीने करीब 2 लाख रुपये खर्च कर रही है।
ये महिलाएं जिले में अब तक 10 स्टॉल लगा चुकी हैं। स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के लिए काम करने वाली एक और महिला का कहना है कि उन्होंने इतने कम समय में इतनी सफलता की कभी उम्मीद नहीं की थी। “अब हम निश्चित हैं कि हम जल्द ही जिले भर में और अधिक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने में सक्षम होंगे। हम स्थानीय महिला समूहों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए सभी गांवों का दौरा कर रहे हैं। समूह का प्रत्येक सदस्य प्रति माह 10,000 रुपये से 15,000 रुपये कमा रहा है।