Bsant Sahu: धमतरी के कुरुद में रहने वाले चित्रकार बसंत साहू आज युवाओं और दिव्यांगों के लिए बड़ी प्रेरणा बन गए हैं। बसंत को साल 2024 के “हेलन केलर अवॉर्ड” से सम्मानित किया गया है। वो एक चित्रकार होने के साथ एक समाज सेवक भी हैं, जो दिव्यांगों के अधिकारों के लिए काम करते हैं। आइए जानते हैं बसंत साहू (Basant sahu) के जीवन से जुड़े ऐसे पहलुओं के बारे में जो आपको भी जीने की पॉसिटिव राह दिखाएगी।
लाखों लोगों के लिए मिसाल हैं बसंत
बसंत साहू धमतरी के कुरुद के रहने वाले हैं। उनका शरीर लगभग 95 फीसदी पैरालाइज्ड है। बसंत ने 10वीं तक पढ़ाई की फिर घर में आर्थिक मदद करने के लिए मोटर बाइंडिग का काम करने लगे। जब बसंत 30 साल के थे तब काम से लौटते वक्त उनका एक्सिडेंट हो गया। जिसके बाद बसंत पूरी रह से बैड पर आ गए इस हादसे ने उनकी और उनके पूरे परिवार की दुनिया ही बदल दी। तब उनके दोस्त ने उन्हें चित्रकारी कर मन बहलाने की सलाह दी और रंगों से उनकी दोस्ती कराई।
कैसे बनाते हैं सुंदर पेंटिंग ?
आप शायद सोच रहे होंगे 95 प्रतिशत पैरालाइज्ड होने के बाद भी बसंत इतनी सुंदर पेंटिंग कैसे बना लेते हैं। बसंत को रंगों से लगाव तो बचपन से था, लेकिन इसे उन्होंने कभी सीरयसली नहीं लिया। बसंत ने सबसे पहले स्केच कलर से शुरुआत की और फिर धीरे-धीरे वॉटर कलर से पेंटिंग करने लगे। उनकी पहली पेंटिंग 80 रुपए में बिकी तो उनका उत्साह और भी बढ़ा। बसंत अपने हाथों से कुछ भी ठीक से थाम नहीं सकते। पेंटिंग बनाने के लिए वो ब्रश को अपने हाथों मे बांधकर चित्रकारी करते हैं। उनकी चित्रकारी में छत्तीगढ़ संस्कृति की झलक, भक्ती और प्रकृति से प्रेम साफ देखने को मिलती है।
समाज सेवक भी हैं बसंत
बसंत एक चित्रकार के साथ समाज सेवक भी हैं। वो ऐसे दिव्यांगों के लिए पेंटिंग स्कूल खोलना चाहते हैं जो पेंटिंग सीखना चाहते हैं। साथ ही वो दिव्यांगों के अधिकार के लिए भी काम करते हैं। इनकी पेंटिंग आज देश ही नहीं विदेशों में भी मशहूर हो रही है। सबसे पहले उन्होंने 2006 में रायपुर में अपनी पेंटिंग्स की प्रदर्शनी लगाई, जिससे उन्हें एक कलाकार के रूप में पहचान मिली।
किस उपलब्धि के लिए मिला सम्मान
बसंत समाज के दिव्यांगों के हित के लिए भी काम कर रहे हैं। वो दिव्यांगों को भी समाज की मुख्यधारा से जोड़ना चाहते हैं। वो उनको उनका सही हक और अधिकार दिलाना चाहते हैं। बसंत को हेनल केलर अवॉर्ड उनके द्वारा दिव्यांगजनों के अधिकारों की रक्षा और समाज में समान अवसर दिलाने के लिए उठाए गए कदम के लिए दिया गया है। “हेलन केलर“ एक इंटरनेशनल अवॉर्ड है जो समाज सेवी हेलन केल केलर के नाम से दिया जाताहै। हेलन केलर दिव्यांगों, मुक बधीरों और दृष्टि बाधित लोगों के अधिकार के लिए काम करती थीं। हर साल 27 जून हेलन केलर दिवस भी मनाया जाता है।