Highlights:
- बेल्जियम की 19 वर्षीय जारा रदरफोर्ड ने इतिहास रचा।
- सबसे कम उम्र की महिला बन गई हैं जिन्होंषने पूरी दुनिया को अकेले घूमा।
- 20 जनवरी को जारा प्लेजन से बेल्जियम के कोर्टरिज्को एयरपोर्ट पर उतरीं।
19 साल की Zara Radarford विश्व की ऐसी पहली महिला बन गई हैं जिन्होंने अकेले दुनिया का चक्कर लगाया। जारा ने एक छोटे से प्लेन के जरिए दुनिया को नाप डाला है। 20 जनवरी को जारा अपने माइक्रो लाइट प्ले न से बेल्जियम के कोर्टरिज्कि एयरपोर्ट पर उतरीं। उन्होंने 5 महीने में 5 महाद्वीपों की यात्रा पूरी की। इस रिकॉर्ड यात्रा के दौरान जारा ने 51 हजार किमी का सफर पूरा किया जिसमें करीब 52 देश शामिल थे जिनके ऊपर से उन्होंने अपनी यात्रा को तय किया।
आसान नहीं था सफर को पूरा करना
जारा के सफर की शुरुआत फिछले साल 18 अगस्त1 को हुई थी। उन्होंने दुनिया के सबसे तेज माइक्रो लाइट प्ले न के जरिए यात्रा करने की ठानी। जिस समय जारा बेल्जियम में उतरीं तो वहां मौजूद लोगों ने उनका स्वा गत किया। जारा काफी खुश थीं और उन्होंने कहा कि ‘यह एक पागलपन भरा सफर था।’ जारा के लिए यह सफर इतना आसान नहीं था। जारा अपनी यात्रा के दौरान उत्त‘री अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के बाद अलास्का में वीजा में हुई देरी और मौसम के खराब होने की वजह से एक महीने तक फंसी थीं। इसके बाद जारा पूर्वी रूस में फंस गई थी जहां सर्दियों का तूफान आया था। रूस के बाद वह दक्षिण एशिया की ओर रवाना हुईं। दक्षिणी एशिया से पश्चिम एशिया होते हुए फिर वापस यूरोप पहुंचीं। उनकी सबसे यादगार यात्रा में न्यूपयार्क और उसके बाद आइसलैंड में एक सक्रिय ज्वा लामुखी की थी। इस दौरान उन्हें इस बात का भी डर लगा कि कहीं जिंदगी खत्मए न हो। यही डर उन्हेंस साइबेरिया के जमे हुए इलाके और उत्तगर कोरिया के हवाई स्पे स से निकलने के दौरान महसूस हुआ।
पसंदीदा कामों के साथ बिताया समय
सारा का कहना है कि उन्होंने यात्रा के दौरान जमकर गाने सुने और यात्रा का आनंद लिया। बेल्जियम से पहले उन्हेंा जर्मनी में लैंड करना था जो बारिश और बर्फ की वजह से काफी मुश्किल लग रहा था। हालांकि बेल्जियम वायुसेना की एरोबेटिक्सन टीम ने काफी मदद की और यह यात्रा भी पूरी हुई। इस थका देने वाली यात्रा के खत्म होने के बाद अब जारा अपने परिवार के साथ समय बिताएंगी और बल्लियों को देख पाएंगी।
सारा का रिकॉर्ड महिलाओं को प्रेरित करेगी
जारा जब महज 14 साल की थीं तब से वह पायलट की ट्रेनिंग ले रही हैं और उन्हें साल 2020 में पायलट का लाइसेंस मिला था। सारा एक अंतरिक्षयात्री बनना चाहती हैं और उन्हेंर इस बात की उम्मीद हहै कि उनका यह रिकॉर्ड दूसरी महिलाओं को विज्ञान, तकनीक और हवाई क्षेत्र में बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगा। सारा का कहना है कि लड़कियों को हमेशा सुंदर, दयावान और मददगार बनने के लिए प्रेरित किया जाता है। वो अपनी उड़ानों के जरिए यह दिखाना चाहती थी कि महिलाएं भी महत्वारकांक्षी लक्ष्योंि को पूरा कर सकने में सक्षम हैं।