UPSC CSE 2023: जैसे ही यूपीएससी 2023 के रिजल्ट्स आए। कई प्रेरणादायी कहानी हमारे सामने किताबों की कहानी की तरह खुल गए। अलग-अलग संघर्षों, मेहनत और लगन की कई कहानियां देखने को मिली। ऐसी ही एक कहानी है खरगोन की पहली आदिवासी IAS बनने वाली मनीषा धार्वे की। जानते हैं कौन हैं मनीषा और क्या है उनकी कहानी…
UPSC CSE 2023 में 275वीं रैंक
मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के एक छोटे से गांव बोंदरान्या की रहने वाली हैं मनीषा धार्वे। उन्होंने UPSC CSE 2023 में 275वीं रैंक हासिल की है। रिजल्ट घोषित होने के समय मनीषा दिल्ली में ही थीं। मनीषा ने अपने चौथे अटेम्प्ट में ये सफलता हासिल की। मनीषा अपने गांव की पहली आदिवासी लड़की हैं जिन्हें इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता मिली है।
गांव से हुई है शुरूआती शिक्षा
मनीषा ने अपने गांव आंगनबाड़ी से ही पढ़ाई शुरू की। नौवीं से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई उन्होंने खरगोन से की। मनीषा पढ़ाई में शुरू से ही होशियार थीं। उन्होंने 10वीं में 75 फीसदी, जबकि 12वीं में 78 फीसदी मार्क्स लाए थे। इंदौर के होलकर कॉलेज से बीएससी कम्प्यूटर की डिग्री लेने के बाद वो यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चली गईं।
जिद से गई दिल्ली तैयारी करने
एक साक्षात्कार में मनीषा कहती हैं कि UPSC की तैयारी करने के लिए वो दिल्ली जाना चाहती थीं। लेकिन उनके घरवाले इस बात से डर रहे थे। घरवालों का मानना था कि दिल्ली जैसे बड़े शहर में वो अकेले कैसे रहेंगी। बाद में मनीषा ने जिद की और दिल्ली आ गईं। उन्होंने दिल्ली में अपने लिए कोचिंग खोजी और तैयारी में लग गईं। आज उनके माता-पिता काफी खुश हैं।
पिछड़े वर्गों के लिए करेंगी काम
मनीषा कहती हैं कि, जिस क्षेत्र से वो आती हैं वो एक आदिवासी इलाका है। जहां आज भी गरीब लोग रहते हैं। लोगों को शिक्षा और बुनियादी जरूरी चीजें भी नहीं मिल पाती है। इसलिए वो ये मानती हैं कि वो अपने समाज और सभी पिछड़े हुए लोगों के लिए काम करेंगी।
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Positive सार
UPSC CSE 2023 का रिजल्ट देखकर मनीषा को लगा कि अब उनके सपने पूरे होंगे। मनीषा आदिवासी समाज के लिए प्रेरणा तो हैं ही साथ ही उन सभी युवाओं के लिए भी प्रेरणा हैं जो लगातार सफलता के लिए मेहनत कर रहे हैं।