HIGHLIGHTS:
- ‘मेरा गांव-मेरी धरोहर’ एप के माध्यम से संरक्षित होगी भारतीय ग्रामीण संस्कृति
- केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और Common Service Center का आपसी करार
- देश के छोटे-छोटे गांवों की संस्कृति को मिलेगा संरक्षण
अक्सर ऐसा देखा जाता है कि छोट-छोटे गांवों में पुरातन सभ्यता का निवास होता है लेकिन कम जानकारी के अभाव में अक्सर ऐसी सांस्कृतिक सभ्यता विलुप्त हो जाती हैं। ऐसी ही समस्याओं से निपटने के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय एक पहल की शुरूआत करने जा रहा है जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों की सांस्कृतिक धरोहरों को डिजीटली संजोया जाएगा।
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मेरा गांव-मेरी धरोहर’
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ‘मेरा गांव-मेरी धरोहर’ नाम का एक एप लॉच कर रही है जिसमें देश के हर गांव की सांस्कृतिक धरोहरों से जुड़ी जानकारी को शामिल किया जाएगा। इस अभियान के जरिए देश के हर गांव, ब्लॉक, जिला स्तर पर वहां की सांस्कृतिक पहचान और सभ्यता से जुड़ी जानकारी को दर्ज किया जाएगा। इस अभियान के लिए स्थानीय लोगों से बात की जाएगी। जिसमें स्थानीय लोग अपने गांव की खासियत को दर्ज करवाएंगे। इन सब के अलावा संबंधित सांस्कृतिक सामग्री से जुड़ी फोटो और दूसरे दस्तावेजों को भी एप में दर्ज किया जा सकेगा।
Common Service Center के साथ सांस्कृतिक मंत्रालय का एग्रीमेंट
इस पहल के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने कॉमन सर्विस सेंटर के साथ एग्रीमेंट किया है। कॉमन सर्विस सेंटर केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (IT Ministry) की एक एजेंसी है। जिसकी सहायता से ग्रामीण क्षेत्रों के धरोहरों को डिजीटली डाटा के माध्यम से सहेजा जाएगा। सर्वे के दौरान ग्रामीणों से मिली जानकारी के आधार पर सर्वे का काम पूरा किया जाएगा जिसमें कुछ अहम जानकारियां होंगी जैसे-
- गांव की खास पहचान क्या है।
- सांस्कृतिक पहचान से जुड़ी कोई कहानी, फोटो,दस्तावेज।
- गांव से जुड़ी कोई ऐतिहासिक कहानियां।
- गांव के प्रसिद्ध स्थान, प्रसिद्ध किवदंती, प्रसिद्ध व्यक्तियों की जानकारी।
‘मेरा गांव-मेरी धरोहर’ अभियान एक ऐसा अभियान है जो भारतीय संस्कृति की विविधता को हर भारतीय से जोड़ेगा और इतिहास की विलुप्त होती कहानियों को सहेजने में मदद करेगा। एप के माध्यम से हर व्यक्ति इस अभियान से आसानी से जुड़ सकेगा।