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भारतीय सेना के दो अधिकारियों को तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। लेफ्टिनेंट कर्नल सर्वेश धडवाल और कर्नल अमित बिष्ट को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला। तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार भारत में सर्वोच्च साहसिक खेल सम्मान है। यह हर साल युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा खिलाड़ियों को दिया जाता है।
तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार क्या है?
तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार भारत में सर्वोच्च साहसिक खेल सम्मान है। यह पुरस्कार भूमि, समुद्र और वायु पर साहसिक कार्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए दिया जाता है। इसकी स्थापना 1993-94 में तत्कालीन केंद्रीय युवा मामले और खेल राज्य मंत्री द्वारा की गई थी। इस पुरस्कार को अर्जुन पुरस्कारों के बराबर माना जाता था।
तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार का नाम तेनजिंग नोर्गे के नाम पर रखा गया है। तेनजिंग नोर्गे 1953 में एडमंड हिलेरी के साथ माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने वाले पहले दो व्यक्तियों में से एक थे।
कर्नल अमित बिष्ट और कर्नल सर्वेश धडवाल हुए सम्मानित
अपनी भूमि गतिविधियों के लिए, भारतीय सेना के अधिकारी कर्नल अमित बिष्ट, सेना पदक, को तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया है। बिष्ट ने भारत और विदेशों में 20 से अधिक बिना मापी और अनाम तकनीकी कठिन चोटियों को फतह किया है। बिष्ट ने हाल ही में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई भी की थी। वह उत्तराखंड में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में प्राचार्य के पद पर तैनात हैं।
वहीं दूसरी ओर भारतीय सेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल सर्वेश धडवाल को स्काई डाइविंग में उनकी उपलब्धियों के लिए तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया है। उन्होंने 850 से अधिक कर्मियों के लिए 35 से अधिक बुनियादी और पुनश्चर्या स्काईडाइविंग पाठ्यक्रम प्रशिक्षण आयोजित किया है। धडवाल भारतीय सेना स्काईडाइविंग टीम के मुख्य प्रशिक्षक हैं। धडवाल ने भारतीय सेना के विशेष बलों और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्डों को स्काइ डाइविंग का प्रशिक्षण दिया है। धडवाल ने यूनाइटेड स्टेट्स पैराशूटिंग एसोसिएशन से कई प्रमाणपत्र और लाइसेंस प्राप्त किए हैं।