टाटा संस के चेयरमैन Ratan Tata को मिलेगा पहला ‘उद्योग रत्न’ अवार्ड


महाराष्ट्र सरकार ने भारत के प्रमुख उद्योगपति और टाटा संस के माननीय चेयरमैन रतन टाटा को पहला ‘उद्योग रत्न’ पुरस्कार देने का फैसला किया है। यह खुशी की खबर उद्योग मंत्री उदय सामंत ने गुरुवार को साझा की। इस साथ ही, पुरस्कार के साथ युवा, महिला, और मराठी उद्यमियों को भी सम्मानित किया जाएगा।

उद्योग रत्न पुरस्कार का महत्व

उद्योग रत्न पुरस्कार, जिसके सम्मान में रतन टाटा को चुना गया है, महाराष्ट्र सरकार के विशेष अभियांत्रिकी और उद्योग क्षेत्र में योगदान को उजागर करने का माध्यम है। इस पुरस्कार से उद्यमियों को प्रेरणा मिलेगी और राज्य के उद्योग संकायों का विकास होगा।

रतन टाटा के योगदान

85 वर्षीय रतन टाटा ने अपने दूरदराज के सेवा में ऑस्ट्रेलिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। उनके प्रयासों से भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंध मजबूत हुए। वह एक समझदार उद्यमी के रूप में अपने विनम्र स्वभाव के लिए भी जाने जाते हैं।

रतन टाटा: उद्योग के मास्टरमाइंड

1991 में चेयरमैन के रूप में रतन टाटा ने टाटा संस का कार्यभार संभाला और 2012 में अपने पद से सेवा निवृत्त हुए। उनके नेतृत्व में टाटा संस ने विभिन्न क्षेत्रों में कई उपलब्धियां हासिल की। 2008 में उन्हें भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था।

रतन टाटा को उद्योग रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाना उद्योग संबंधी क्षेत्र में उनके योगदान को एक और मुकाम देगा। यह पुरस्कार उन्हें और अधिक प्रेरित करेगा और राज्य में उद्योग को बढ़ावा देगा। उद्यमियों के लिए इस पुरस्कार को एक साधन के रूप में देखा जा सकता है, जो उन्हें अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता तक पहुंचाएगा।

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Dr. Kirti Sisodia

Content Writer

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