भारतीय संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने वाले स्वामी प्रभुपाद के 125वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 125 रूपये का विशेष स्मृति सिक्का जारी किया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री ने इसे देशवासियों के साथ साझा किया।
प्रधानमंत्री ने सिक्का जारी करते हुए कहा कि- “इस्कॉन ने अपने सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यो से दुनिया को यह दिखाया है, कि भारत के लिए आस्था का अर्थ उत्साह, उल्लास और मानवता में विश्वास है।“
कौन है स्वामी प्रभुपाद?
स्वामी प्रभुपाद ने 1965 में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) की स्थापना की, जिसे “हरे कृष्ण आंदोलन” के रूप में भी जाना जाता है। दुनिया भर में वैदिक साहित्य के प्रसार में इस्कॉन ने एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वामी जी ने अब तक लगभग 100 से अधिक मंदिरों की स्थापना की हैं।
दिखने में कैसा होगा 125 रुपये का यह सिक्का?
स्वामी प्रभुपाद की याद में जारी 125 रूपये के इस सिक्के में एक तरफ राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के साथ 125 रुपये रूपय लिखा हुआ होगा। वहीं सिक्के के दूसरी ओर स्वामी प्रभुपाद की तस्वीर बनी हुई होगी।
स्मृति के सिक्के का महत्त्व
पहले भी सरकार द्वारा कई स्मारक सिक्के जारी किए जा चुके हैं। यह सिक्के महापुरूषों के सम्मान व उनके स्मृति में जारी किए जाते हैं। इन सिक्को को समान्य लोग भी रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित की गई कीमत पर खरीद सकते हैं।