HIGHLIGHTS:
• सुप्रीम कोर्ट ने लॉच किया फास्टर सॉफ्टवेयर
• कैदियों की रिहाई की प्रक्रिया होगी तेज
सुप्रीम कोर्ट ने अदालती मामलों में तेजी लाने के लिए FASTER सॉफ्टवेयर लॉच किया है। कैदियों की रिहाई की प्रक्रिया तेज करने के लिए यह सॉफ्टवेयर काफी मददगार साबित होगी। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने 31 मार्च को ‘Fast and Secured Transmission of Electronic Records’ (FASTER) साफ्टवेयर का शुभारंभ किया। उन्होंने वर्चुअली इस साफ्टवेयर को लान्च किया। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने इसके लिए जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस जे खानविलकर और जस्टिस गुप्ता को धन्यवाद दिया है।
कैसे काम करेगा FASTER सॉफ्टवेयर?
दरअसल, अभी यह सुविधा है कि कैदियों को जमानत मिलने के बाद आदेश की कॉपी जेल प्रशासन तक पहुंचने के बाद ही रिहाई मिलती है। जिसमें काफी समय लग जाता है, और कैदियों की रिहाई में 2-3 दिन की देरी हो जाती है। ‘फास्टर’ की मदद से आदेश की कापी को जल्दी और सुरक्षित तरीके से इल्केट्रानिक मोड में भेजा जाएगा। जिससे कैदियों की रिहाई में ज्यादा समय नहीं लगेगा।
फास्टर सिस्टम लान्च करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि- अखबार मे एक खबर से इस बात का पता चला कि सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी कैदी तीन दिन तक जेल से नहीं छूट सका था, क्योंकि कोर्ट की कॉपी जेल तक नहीं पहुंची थी। और इसीलिए इस सिस्टम को लान्च करने के बारे में सोचा।
सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट के आदेश और फैसले तुरंत सुरक्षित संबंधित जेल अथारिटी और हाईकोर्ट तक भेजने के लिए Fast and secure Transmission of Electronic Records system साफ्टवेयर लांच किया। @JagranNews
— Mala Dixit (@mdixitjagran) March 31, 2022
सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
फास्टर सॉफ्टवेयर की सुविधा के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल सितंबर में पहल की थी, जिसके अनुसार आदेशों की कॉपी को जल्द पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रानिक सिस्टम लांच करने का आदेश था। रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस सिस्टम पर काम करने का सुझाव दिया था।
ई मेल से जुड़ सकेंगे अधिकारी
चीफ जस्टिस के अनुसार ‘फास्टर’ के लिए 73 नोडल अधिकारियों को नामित किया गया है। ये अधिकारी विशिष्ट न्यायिक संचार नेटवर्क से जुड़ेंगे। उन्होंने बताया कि ये अधिकारी दूसरे न्यायिक अधिकारियों और जेल प्रशासन के साथ मेल के जरिए जुड़े रहेंगे। नोडल और अन्य अधिकारियों के 1887 ईमेल आईडी बनाए गए हैं।