प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 नवंबर को पूर्वांचल एक्सप्रेस हाईवे का उद्धाटन किया। लगभग 340.824 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे पूर्वी और पश्चिमी यूपी को जोड़ेगा। पर यहां बात सिर्फ सड़क के निर्माण तक ही सीमित नहीं है। आधुनिक भारत की यह सड़क भारत की अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतरीन सड़कों के जाल का एक नमूना है। इससे आने-जाने में लगने वाला समय तो कम होगा ही। साथ ही भारतीय लॉजिस्टिक और कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेगा।
क्या है एक्सप्रेस-वे ?
एक्सप्रेस-वे यात्रा में लगने वाले समय को कम करता है तो जाहिर है कि इसमें स्टॉपेज, चौराहे, रेड लाइट नहीं होता है। इसमें चढ़ने और उतरने के लिए एंट्री-एग्जिट पॉइंट होते हैं। एक्सप्रेस-वे को सिग्नल फ्री बनाने के लिए ओवरपास और अंडरपास का प्रयोग किया जाता है। यह 6 से लेकर 14 लेन तक होते हैं इसीलिए इसमें ट्रैफिक स्पीड काफी तेज होती है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का फायदा
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 9 शहरों से होकर गुजरेगा। इसमें लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, अंबेडकर नगर, अमेठी, सुल्तानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपरु शामिल है। इस एक्सप्रेस-वे से वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज जैसे जिलों को भी फायदा मिलेगा।
– गाजीपुर से दिल्ली तक पहुंचने में लगेंगे केवल 10 घंटे।
– राजधानी दिल्ली से पूर्वांचल के आखिरी छोर तक सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी।
– सब्जी, दूध जैसे व्यवसायों को फायदा मिलेगा।
– इस एक्सप्रेस-वे पर रनवे भी मौजूद है। जिससे लड़ाकू विमान भी उतारे जा सकेंगे।
– एक्सप्रेस-वे के दोनो ओर बनेगा इंडस्ट्रियल हब
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की खासियत
– 18 फ्लाईओवर
– 7 रेलवे ओवर ब्रिज
– 6 टोल
– 271 अंडरपास
– सुल्तानपुर में 3.2 किमी लंबी एयरस्ट्रीप
– इमरजेंसी के लिए 16 एंबुलेंस भी रहेगी।
– कुल लागत 22 हजार 495 करोड़ की लगात।
यूपी का यह एक्सप्रेस-वे अभी तक यूपी का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे है इसके शुरू होने के बाद यह देश का सबसे लंबा ऑपरेशनल एक्सप्रेस-व बन गया है।