भारत सरकार ने देश के ग्रामीण इलाकों की पोषण स्थिति को बेहतर बनाने के लिए “सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान” की शुरुआत की है। इस पहल के तहत उन ग्राम पंचायतों को चिन्हित किया जा रहा है, जहां बच्चों, गर्भवती महिलाओं और माताओं को पर्याप्त पोषण मिल रहा है और स्वास्थ्य सेवाएं ठीक तरीके से संचालित हो रही हैं।
एक लाख का इनाम और राष्ट्रीय पहचान
इस अभियान की सबसे खास बात यह है कि देश की 1000 सबसे सुपोषित ग्राम पंचायतों को एक-एक लाख रुपये की राशि बतौर पुरस्कार दी जाएगी। साथ ही, जिन जिलों में सबसे ज्यादा सुपोषित पंचायतें होंगी, उन्हें भी सम्मानित किया जाएगा। यह सिर्फ इनाम नहीं, बल्कि एक गांव के अच्छे स्वास्थ्य और पोषण के लिए दिया जाने वाला राष्ट्रीय स्तर का गौरव होगा।
पोषण के मॉडल के रूप में उभरता जिला
छत्तीसगढ़ का धमतरी जिला इस अभियान में तेजी से आगे बढ़ रहा है। जिले की 132 ग्राम पंचायतों को सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान के लिए चुना गया है। इनमें,
- धमतरी विकासखंड – 35 पंचायतें
- कुरूद – 25 पंचायतें
- नगरी – 57 पंचायतें
- मगरलोड – 15 पंचायतें
इन पंचायतों की निगरानी और मूल्यांकन दूसरे राज्यों के निरीक्षण दलों और केंद्र सरकार की टीमें करेंगी।
पोषण ट्रैकर से हर गतिविधि पर नज़र
इस अभियान में ‘पोषण ट्रैकर ऐप’ के जरिए सारी जानकारी रियल टाइम में ट्रैक की जाएगी। इस ऐप में हर पंचायत की जानकारी जैसे,
- बच्चों की ग्रोथ मॉनिटरिंग
- गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य स्थिति
- पोषण आहार और गर्म भोजन की नियमितता
- आंगनबाड़ी केंद्रों में सुविधाएं (शौचालय, पीने का पानी, बिजली आदि)
- डाली जाएगी। ऐप की एंट्रियों और मौके पर हुए निरीक्षण के आधार पर ही पंचायत की रैंकिंग तय की जाएगी।
हितग्राही फीडबैक भी अहम
अभियान की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पंचायतों का थर्ड पार्टी असेसमेंट किया जाएगा और साथ ही वहां के लाभार्थियों का फीडबैक भी लिया जाएगा। इसका उद्देश्य सिर्फ आंकड़ों के आधार पर नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत पर पंचायत की स्थिति को आंकना है।
देश के सबसे सुपोषित गांव
भारत सरकार सितंबर माह में सबसे सुपोषित ग्राम पंचायतों की घोषणा करेगी। यह न सिर्फ गांवों को हेल्दी बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि पंचायतों के बीच हेल्दी कम्पटीशन को भी बढ़ावा देगा।
गांव-गांव पोषण की जागरूकता फैलेगी
महिला एवं बाल विकास विभाग की ज़िला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती जगरानी एक्का ने बताया कि इस अभियान के जरिए गांवों में पोषण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और पंचायतें खुद अपनी जिम्मेदारी समझेंगी। यह ग्रामीण विकास के साथ-साथ हेल्दी इंडिया की नींव रखेगा।