Highlight:
- पूजा प्रजापति बनीं गोरखपुर की पहली महिला ड्राइवर।
- ड्राइविंग से समाज में लाना चाहती हैं बदलाव।
- सीएम योगी आदित्यनाथ की बस चलाकर चर्चा में आयीं।
पूजा प्रजापति उस वक्त चर्चा में आईं जब उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी के गोरखपुर में 15 इलेक्ट्रिक बसों का लोकार्पण किया। दरअसल पूजा प्रजापति ही वह ड्राइवर थीं जिनके बस में सीएम योगी आदित्यनाथ ने सवारी की। पूजा पिछले 9 सालों से हैवी व्हीकल ड्राइविंग कर रही हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ को अपने बस में बिठाने के बाद पूजा काफी खुश थीं और अब उन्हें गोरखपुर की पहली महिला ड्राइवर कहा जाने लगा है।
गरीबी नहीं बल्कि समानता की चाह में शुरू की ड्राइविंग
ऐसा नहीं है कि पूजा प्रजापित किसी गरीब परिवार से हैं और इसलिए वह ड्राइविंग कर रही हैं। बल्कि पूजा ने समाजिक असमानता को दूर करने के लिए ड्राइविंग करने की ठानी। उनका कहना है कि उनके गांव में अगर कोई लड़की सूट की जगह जींस पहन लेती थी तो गांव के लोग बुरा-भला कहने लग जाते थे। फिर तो बड़ी-बड़ी गाड़ियां चलाना सच में किसी अजूबा से कम नहीं। पूजा ने ड्राइविंग अपने पिता से सीखी और कम उम्र से ही गाड़ियां चला रही हैं। पूजा अब तक इंडियन ऑयल के टैंक, जेसीबी, ट्रैक्टर, बुल्डोजर जैसी बड़ी गाड़ियां भी चला चुकी है। पूजा मजाक में कहती हैं कि ‘मुझे लगता है पृथ्वी पर जितनी भी गाड़ियां हैं मैं सभी को चला सकती हूं। पानी का जहाज और रेलगाड़ी छोड़कर’
भविष्य में लड़कियों को ड्राइविंग सीखाना चाहती हूं
पूजा प्रजापति लड़कियों को स्वावलंबी बनाने की हिमायती हैं। उनका कहना है कि छोटे से बड़ा कोई भी काम हो लड़कियों को किसी पर निर्भर नहीं होना चाहिए। और वो यही कर रही हैं। जब गोरखपुर में ड्राइवर की भर्तियां निकली तब उन्होंने फॉर्म भरा और आत्मविश्वास के साथ गाड़ी चलाकर सलेक्ट भी हो गईं। भविष्य को लेकर उनका कहना है कि वह लड़कियों को ड्राइविंग सीखाना चाहती हैं। वह चाहती हैं कि ड्राइविंग के क्षेत्र में भी ज्यादा से ज्यादा लड़कियां आनी चाहिए तभी समाज के सोचने की दिशा बदलेगी। और इसीलिए पूजा भविष्य में अपनी जैसी और महिला ड्राइवर तैयार करना चाहती हैं। उनका कहना है कि देश सेवा का सभी का अपना तरीका है उनके तरीके से भी वह देश की सेवा में अभूतपूर्व योगदान दे सकती हैं।
पूजा के समाज बदलने की जिद काफी प्रेरणाप्रद है। भले ही ड्राइविंग के क्षेत्र में फिलहाल लड़कियों की गिनती कम हो पर आने वाले समय के लिए पूजा प्रजापति का यह पहला कदम महत्वपूर्ण साबित होगा।