मुट्ठी भर कट्टरपंथी और मुस्लिम बहुसंख्यक वोट बैंक पर नज़र रखने वाले कुछ राजनेताओं द्वारा इस्लामाबाद में एक हिंदू मंदिर के निर्माण का विरोध किया जा रहा है। इसके ख़िलाफ़ पाकिस्तान सिविल सोसाइटी ने मंदिर निर्माण का समर्थन किया है और अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के प्रति उदारता भी दिखाई है।
आम पाकिस्तानियों के एक वर्ग ने ना केवल मंदिर निर्माण के लिए अपना समर्थन बढ़ाया है, बल्कि इसके ख़िलाफ़ उठ रहीं आपत्तियों को भी ख़ारिज कर दिया है।
पाकिस्तानी संविधान का अनुच्छेद 20 यह स्पष्ट करता है कि सभी धार्मिक संप्रदायों को अपने पूजा स्थल स्थापित करने का अधिकार है और कर देने वाले नागरिकों के रूप में, हिंदुओं को भी सार्वजनिक संसाधनों के उपयोग करने का उतना ही अधिकार है जितना मुसलमानों को है।
उत्साहजनक बात यह है कि मंदिर निर्माण को लेकर हुए विवाद के बाद से, ज़्यादातर मुख्यधारा की पार्टियों ने पाकिस्तान में मंदिर के निर्माण का पक्ष लिया है और इसके खिलाफ हो रहे प्रचार की निंदा की है।
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