

हममें से हर दूसरा व्यक्ति स्पैम मैसेजेस और अनचाहे कॉल से कभी न कभी परेशान जरूर होते है। ऐसे में अब सरकार की मदद से सर्विस प्रोवइडर कंपनियों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के सफल परीक्षण से इसका हल खोज लिया है। भारत के प्रमुख नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने स्पैम कॉल रोकने के लिए अपने सिस्टम में फिल्टर दे रही है। इन कंपनियों ने यह दावा किया है कि AI की मदद से स्पैम मैसेज और कॉल्स नेटवर्क पर ही ब्लॉक किए जा सकेंगे।
ट्राई ने उपभोक्ताओं के लिए दिया था निर्देश
टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी (ट्राई) ने कंपनियों के लिए 30 अप्रैल की डेडलाइन तय की थी, ट्राई के ही एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी है कि कंपनियों का ट्रायल रन सफल रहा है। सरल शब्दों में अगर बात की जाए तो अब तक हमें कॉल आने के बाद पता चलता है कि यह स्पैम कॉल है, जिसके बाद हम उसे ब्लॉक करते हैं, लेकिन नई सुविधा के अनुसार अब स्पैम कॉल और मैसेजेस नेटवर्क पर पहले ही ब्लॉक हो जाएगा और कॉल यूजर्स तक नहीं पहुंचेगा।
ट्राई ने पहले भी उठाया था कदम
ट्राई ने इसके पहले उपभोक्ताओं के हित को ध्यान में रखते हुए DND (डू नॉट डिस्टर्ब) सर्विस की शुरूआत की थी। कंपनियों से यह सर्विस लेने के बाद भी उपभोक्ताओं तक स्पैम कॉल और मैसेजेस लगातार आते रहे थे। इस पर ट्राई ने कहा है कि, डीएनडी सर्विस के बाद भी स्पैम कॉल-मैसेज आते रहे ऐसा नहीं है। ट्राई के कदम के बाद स्पैम में भारी कमी आई थी। डीएनडी सेवा में नेटवर्क पर ही कॉल रोकने की व्यवस्था अब तक नहीं थी, लेकिन अब स्पैम कॉल पर रोक लगाना सरल हो गया है। इसके लिए एआई की मदद ली जाएगी।
पूरी तरह बंद होंगे स्पैम
ट्राई ने कहा है कि शुरुआती कुछ दिनों या हफ्तों तक शिकायतें मिल सकती हैं कि स्पैम कॉल आना बंद नहीं हो रहे हैं, अगर ऐसा होता है तो वे केवल तकनीकी चूक होंगे, लेकिन उसे दूर किया जा सकता है। इतना जरूर है कि स्पैम कॉल या मैसेज में 90% तक कमी होगी।
स्पैम को खत्म करने के लिए यूजर को क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन आदि के लिए वेबसाइट या ईमेल के जरिए बैंक या फाइनेंशियल ऑर्गनाइजेशन से कॉन्टैक्ट करने के बाद लॉगआउट कर देना चाहिए।
लॉगआउट करने के बाद नंबर पर आने वाले स्पैम कॉल एआई से पहचाने जा सकते हैं।
डबल फिल्टरेशन के जरिए उन नंबरों को भी ब्लॉक किया जा सकेगा, जो लॉगआउट नहीं हुए थे। अभी इस तकनीक का ट्रायल शुरू होगा।

