

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में की गई कैबिनेट की बैठक में बायोफ्यूल (जैव-ईंधन) पर राष्ट्रीय नीति-2018 को मंजूरी दी गई। इसके तहत एथेनॉल के उत्पादन को बढ़ाया जाएगा। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि उत्पादन बढ़ाने के लिए कई और फसलों का इस्तेमाल किया जाएगा। पेट्रोल-डीजल में एथेनॉल की ब्लेंडिंग 20% करने के लक्ष्य को अब 2030 की बजाय 2025-26 किया गया।
राष्ट्रीय जैव-ईधन नीति, जिसे पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रालय ने 2009 में लागू किया था। जिसकी जगह पर ‘बायोफ्यूल पर राष्ट्रीय नीति-2018’ को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा 04 जून 2018 को अधिसूचित किया गया था।
सरकार का एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य
सरकार ने आने वाले दो सालों में पेट्रोल में 20% एथेनॉल ब्लेंडिंग (सम्मिश्रण) का लक्ष्य निर्धारित किया है। इससे देश को महंगे तेल आयात पर निर्भरता कम करने में मदद होगी। पहले ही सरकार ने 2030 तक इसे हासिल करने का लक्ष्य बनाया था जिसे घटाकर अब 2025-26 कर दिया है। तेल कंपनियां भारतीय मानक ब्यूरो के मानकों के अनुसार 20% एथेनॉल के मिश्रण वाला पेट्रोल बेचेंगी।
बायोफ्यूल पॉलिसी प्रमुख संशोधन
जैव-ईंधन के उत्पादन के लिए अधिक फीडस्टॉक्स को मिली मंजूरी।
पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल के मिश्रण के लक्ष्य को 2030 से पहले 2025-26 में ही अचीव करना होगा।
मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत विशेष आर्थिक जोन (SEZ)/निर्यातोन्मुख इकाइयों (EOU) द्वारा देश में बायोफ्यूल के उत्पादन को प्रोत्साहन
NBCC में सदस्यों को जोड़ना।
विशेष मामलों में बायोफ्यूल के निर्यात को अनुमति
एथेनॉल
एथेनॉल इको-फ्रैंडली फ्यूल है जिसमें एक तरह का अल्कोहल है। इसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह उपयोग किया जाता है। एथेनॉल का उत्पादन गन्ने से होता है। एथेनॉल ब्लेंडिंग वाले पेट्रोल से आम आदमी को भी फायदा है इसे भविष्य के ईंधन के रूप में देखा जा रहा है।
एथेनॉल मिलाने के फायदे
पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने से पेट्रोल के उपयोग से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। इसके इस्तेमाल से गाड़ियां 35% कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन करती हैं। सल्फर डाइऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन भी इथेनॉल कम करता है। इथेनॉल में मौजूद 35 फीसदी ऑक्सीजन के चलते ये फ्यूल नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को भी कम कर देता है। इथेनॉल में मौजूद 35 फीसदी ऑक्सीजन फ्यूल नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को भी कम करता है।