भारत ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control (LAC) पर चीन की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए एलएमवी तैनात करने का निर्णय लिया है।
सीमा पर भारत-चीन गतिरोध को ठीक से हैंडल करने के लिए उत्तरी सीमाओं पर तैनाती के लिए सेना ने लगभग 800 हल्के बख्तरबंद बहुउद्देशीय गाड़ियों (light-armoured multipurpose vehicles (LAMV) खरीदी शुरू कर दी है।
इन एलएएमवी का उपयोग खासकर पहाड़ी इलाकों और पूर्वी लद्दाख के बर्फीले क्षेत्र और उत्तरी सिक्किम के क्षेत्रों में, टोही और देखरेख यानी कि निगरानी के लिए होगा। जरूरत पड़ने पर इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के लिए भी इनका इस्तेमाल होगा।
सेना के सूत्रों के अनुसार उत्तरी सीमाओं के अलावा LAMV को पाकिस्तान के साथ भारत की पश्चिमी सीमाओं, मैदानी और रेगिस्तानी इलाकों में भी तैनाती मिलेगी। LAMV की तैनाती मेकेनाइज्ड इनफैंट्री के रेकी और सर्विलियांस प्लाटू और बख्तरबंद रेजिमेंट के रेकी सैनिकों की निगरानी में होगी।
सेना ने शुक्रवार को रिक्वेस्ट फॉर इनफॉर्मेशन (RFI) में यह कहा कि ये LAMV भारतीय विक्रेताओं से खरीदे जा सकते हैं। वे जो स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किए होने चाहिए।
इसके लिए विक्रेताओं को कॉन्ट्रैक्ट के तीन साल के अंदर प्रति वर्ष 300 LAMV की डिलीवरी करने की क्षमता होनी चाहिए।
RFI के अनुसार LAMV को पर्याप्त रूप से मोबाइल होना जरूरी है और बोर्ड पर सैनिकों के लिए जरूरी सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम भी होना जरूरी है। सैनिकों के युद्धक्षेत्र में सर्विलियांस रडार और थर्मल इमेजर्स का उपयोग करके और उच्च तकनीक वाले ड्रोन के जरिये से रेकी करने के दौरान ये LAMV उन्हें सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम होने आवश्यक हैं।
इन LAMV को युद्ध में उपयोग होने वाले हथियार, गोला-बारूद, निगरानी और कम्युनिकेशन उपकरण ढोने में भी सक्षम होना जरूरी होगा।